Gaziabad: 34 वें वार्षिकोत्सव पर ऋग्वेदीय यज्ञ धूमधाम से संपन्न

Rig Vedic Yagya completed with great pomp on the 34th anniversary festival

गाजियाबाद,रविवार,26- 11- 2023 को आर्य समाज नया आर्य नगर के 34 वें त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव पर ऋग्वेदीय महायज्ञ आर्षगुरुकुल नोएडा के प्राचार्य डॉ.जयेन्द्र आचार्य के ब्रह्मत्व में धूमधाम से संपन्न हुआ।आज के मुख्य यज्ञमान सर्वश्री प्रदीप गुप्ता,अभिषेक पांचाल, राकेश गुप्ता आदि सपत्नीक रहे।वेद पाठ उदयवीर शास्त्री,रामा शंकर शास्त्री,अखिलेश आर्य द्वारा किया गया।उन्होंने कहा आप यज्ञ के माध्यम से परमात्मा से जुड़ सकते हैं इसलिए यज्ञ के समय एकाग्रचित्त होकर यज्ञ एवं प्रार्थना किया करें।उन्होंने स्वस्थ रहने का आशीर्वाद दिया। मेरठ से पधारे सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक पंडित अजय आर्य एवं प्रवीण आर्य ने ईश्वर भक्ति, दयानंद गुणगान एवं राष्ट्रभक्ति गीतों से समाबांध दिया जिसे सुनकर श्रोता झूम उठे। यज्ञ के ब्रह्मा एवं मुख्य वक्ता डा जयेन्द्र आचार्य ने “प्यास बिन नीर पीने से क्या फायदा,श्रम नहीं तो पसीने से क्या फायदा,चाहते जिसमें  अपने वतन की नहीं, जिंदगी ऐसी जीने से क्या फायदा” राष्ट्र रक्षा सम्मेलन में इस गीत के माध्यम से देश प्रेम का संदेश दिया।उन्होंने कहा हमारे देश की सेना दृढ़ है फिर राष्ट्र रक्षा की क्यों आवश्यकता पड़ी है? दो तरह के विचार धाराएं होती हैं।शास्त्र और शस्त्र की।शास्त्र, व्यापार,धन सब धरा रह जाता है अगर शस्त्र मजबूत ना हो तो।शास्त्र की छाया में शस्त्र का सही उपयोग होता है।शस्त्र की छाया में शास्त्र सुरक्षित रहता है।यदि राष्ट्र की विचारधारा कमजोर हो तो राष्ट्र कमजोर पड़ता है विचारों में बहुत शक्ति होती है इस देश को उन्नति की ओर ले जाना हैं।तो अंधविश्वास की विचारधारा को छोड़ना होगा।जो जागरुक है उसके लिए सब कुछ शास्त्र है जो जागता है वेद भी उसकी कामनाएं पूर्ण करता है आजादी की देन आर्य समाज की देन है। राष्ट्र रक्षा के लिए तीन बातों को याद रखना मातृ संस्कृति,मातृभाषा और मातृभूमि से प्यार करना।उन्होंने हिंदी में हस्ताक्षर करने का श्रोताओं को संकल्प कराया।
स्वामी सूर्यदेव ने कहा कि स्वतंत्रता के आंदोलन के मूल में ऋषि दयानंद की विचारधारा थी उन्होंने कहा था कि विदेशी राजा से स्वदेशी राजा अच्छा होता है।वेद कहता है धरती मेरी माता है और मैं इसका पुत्र हूं इस नाते से भारत हमारी माता है।राष्ट्र रक्षा करने का दायित्व भी उनका है जो इसे माता मानते हैं।
वशिष्ठ अतिथि सुरेन्द्र कुमार रैली ने आयोजकों का सुंदर आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि जब भी देश में कोई समस्या आती है तो आर्य समाज मिलकर उसका समाधान खोजता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री श्रद्धानंद शर्मा ने कहा कि देश की सत्ता अब ऐसे लोगों के हाथ में है जो देश की सीमाओं को सुरक्षित करने में लगे हैं।सरकार सजग है सैन्य शक्ति जागरूक है।आज हमें अपने गौरवशाली इतिहास को अपनी नई जनरेशन को पढ़ाने की आवश्यकता है,बच्चों को संस्कारित करने की आवश्यकता है तभी राष्ट्र सुरक्षित रह पाएगा।
आर्य केंद्रीय सभा के महामंत्री श्री नरेंद्र पंचाल ने मंच का संचालन करते हुए कहा कि ऋषि दयानंद कृत सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर मैंने देखा कि इसे पढ़ने से देश के प्रति समर्पण की भावना जागती है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री चौधरी सत्यवीर,योगी डा प्रमोद सक्सेना,राजेश्वर शास्त्री, वीके धामा,बाल मुकुंद विश्व कर्मा, तेजपाल आर्य,प्रवीन मल्होत्रा, श्रीमती फुलां रानी मल्होत्रा,आशा रानी आदि उपस्थित रहे।

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