Delhi: प्रधानमंत्री के नेट ज़ीरो इंडिया के लक्ष्य को 2070 तक प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है नागरिक सहयोग: प्रकाश जावड़ेकर
Citizen cooperation is important to achieve Prime Minister's goal of Net Zero India by 2070: Prakash Javadekar
सांसद और पूर्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 2070 तक प्रधानमंत्री के नेट ज़ीरो इंडिया के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नागरिक कार्रवाई महत्वपूर्ण है। प्रकाश जावड़ेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में “यू75: नेशनल मूवमेंट ऑफ नेट-जीरो यूनिवर्सिटी कैंपस” कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि अपने वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में बताया कि तेलंगाना में चुनाव के चलते व्यवस्ता के कारण वह इस कार्यक्रम में भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के पूर्व यूएसजी एरिक सोल्हेम और एआईसीटीई की सलाहकार ममता अग्रवाल विशिष्ट अतिथि रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि वर्तमान में यह विषय बहुत कि महत्वपूर्ण है। आज पूरा एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो चुका है। करीब चार करोड़ लोग बुरी तरह से प्रभावित हैं।
जावड़ेकर ने अपने संबोधन में आगे कहा कि यू-75 अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसर नेट ज़ीरो या कार्बन न्यूट्रल बन जाएं। यह पहल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल कैम्पस को कार्बन तटस्थ बनाएगी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘LiFE’ मिशन के अनुरूप विद्यार्थियों को पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली का महत्व भी बताएगी। उन्होंने कहा कि यह ‘कार्यरत भावी पीढ़ी’ होगी। इस सार्वजनिक आंदोलन को खड़ा करने के लिए विश्वविद्यालयों, कॉलेज प्रशासन, विद्यार्थियों और गैर सरकारी संगठनों के संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बिजली और पानी की बचत व उत्पादन, वृक्षारोपण एवं वृक्षों की वृद्धि सुनिश्चित करना, उचित अपशिष्ट प्रबंधन और परिसर में ईवी गतिशीलता का उपयोग इस अभियान की मुख्य विशेषताएं हैं। ये सभी प्रयास विश्वविद्यालयों के लिए 5 वर्षों में ‘पेबैक’ होंगे। उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन का कारण नहीं बल्कि जलवायु परिवर्तन का भुक्तभोगी है। कार्बन उत्सर्जन में हमारा ऐतिहासिक योगदान मात्र 3% है जबकि वैश्विक आबादी का 17% हमारे पास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर वैश्विक चर्चा में अग्रणी भूमिका निभाई है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा लचीलापन, बुनियादी ढांचे का गठबंधन, LiFE मिशन और पेरिस कन्वेंशन में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना दुनिया को आगे का रास्ता दिखा रहा है। अगर इच्छाशक्ति हो तो उसे हासिल करने का रास्ता हमेशा मौजूद होता है। जावड़ेकर ने कहा कि भारत अपनी हरित प्रतिबद्धताओं पर ‘वॉक द टॉक’ करने वाला एकमात्र G20 देश है।