Rahul Gandhi: राहुल ने अपने खिलाफ मानहानि के मामले पर कहा मुझे फंसाया गया है
On the defamation case against him, Rahul said I have been framed
शुक्रवार को मानहानि के एक मामले में अपना बचाव करने के लिए सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें फंसाया गया है। कांग्रेस नेता ने विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा की अदालत के समक्ष कहा, “मुझे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण फंसाया गया है। मैंने बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा कोई बयान नहीं दिया।” मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी। मानहानि का मामला कांग्रेस नेता द्वारा 2018 में बेंगलुरु में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित तौर पर की गई अभद्र टिप्पणी से संबंधित है। शुक्रवार को अदालत में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे राहुल गांधी ने अदालत के बाहर अपने समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए नारों के बीच करीब 20 मिनट में अदालती प्रक्रिया पूरी की। प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद वह बिना कुछ कहे चेहरे पर मुस्कान लिए अदालत से चले गए।
गत 20 फरवरी के बाद इस मामले में यह उनकी दूसरी पेशी है। शिकायतकर्ता विजय मिश्रा की ओर से गवाह 12 अगस्त को पेश होंगे। सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन और भाजपा नेता ने पांच साल पहले विशेष अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद दायर किया था। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता संतोष पांडेय के अनुसार, परिवाद में आरोप लगाया गया है कि 15 जुलाई 2018 को पार्टी कार्यकर्ता अनिरुद्ध शुक्ला और दिनेश कुमार ने अपने मोबाइल पर एक वीडियो क्लिप दिखाई थी, जिसमें राहुल गांधी अमित शाह को हत्यारा कहते नजर आ रहे थे। बयान में राहुल गांधी कथित तौर पर न्यायमूर्ति बृजगोपाल हरकिशन लोया की मौत का जिक्र कर रहे थे, जिसमें शाह को सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी थी। शिकायतकर्ता और दो गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर कांग्रेस सांसद को विशेष मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने आईपीसी की धारा 500 के तहत सुनवाई के लिए तलब किया था। 20 फरवरी को अदालत ने जमानत देते हुए उन्हें पेशी तिथि पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी थी। हालांकि, उन्हें अपने खिलाफ लगे आरोपों का बचाव करने के लिए अदालत में पेश होना पड़ा। चूंकि मजिस्ट्रेट ने पिछले कुछ मौकों पर अदालत के समन पर न आने के लिए उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाया था, इसलिए 2 जुलाई को उनके वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने 26 जुलाई को पेश होने का मौका मांगा।