Editorial: कतर से भारतीय नौ सैनिक रिहा- असर भारत की सफल कूटनीति का
Indian nine soldiers released from Qatar - effect of India's successful diplomacy
आर.के. सिन्हा
कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेनिकों को 18 महीने बाद जेल से रिहाई की सोमवार को जैसे ही खबर आई तो सारा देश ही झूम उठा। कुछ समय पहले इन अधिकारियों की मौत की सजा को अलग-अलग अवधि की जेल की सजा में बदल दिया गया था। तब देश को कम से कम यह संतोष तो था कि चलो हमारे नागरिकों की जान तो बच गई, पर देश यह भी प्रार्थना कर रहा था कि कतर की जेल में बंद भारतीय नागरिक रिहा होकर सकुशल देश वापस आ जाएं। बेशक, इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति की बड़ी सफलता ही माना जाएगा कि कतर से फांसी की सजा घोषित हुए नागरिकों की आज रिहाई हो गई। वे सभी सकुशल और ससम्मान जनक तरीके से भारत की धरती पर वापस लौट आए। इस तरह से भारत की कुशल विदेश नीति को सारे संसार ने देखा और दांतों तले उंगलियाँ दबाकर आश्चर्य से देखते ही रह गये । अमूमन अरब देशों के शेख सामान्य तौर पर जासूसी के आरोप में सजा प्राप्त लोगों की सजा माफ नहीं करता I केन्द्र में मोदी सरकार के 2014 में गठन के बाद से भारत के अरब देशों के साथ संबंध लगातार सुधर रहे हैं। उसी के सार्थक परिणाम को भारतीय नौसैनिकों की रिहाई और घर वापसी के रूप में देखा जाना चाहिए। अब कुछ ही दिनों के बाद अबू धाबी में सनातन संस्कृति का भव्य मंदिर भी दुनिया देखेगी। ‘अगर मोदी जी नहीं होते तो हम हिंदुस्तान की सरजमीं पर आज नहीं खड़े हो पाते’। अपनी रिहाई से खुश एक नौसैनिक ने भारत आने पर भारत मां की जय बोलते हुए कहा कि यदि नरेन्द्र मोदी ने खुद हस्तक्षेप नहीं किया होता तो आज हमारी रिहाई संभव नहीं थी। यह बड़ी उपलब्धि भारत के शक्तिशाली नेतृत्व का प्रभाव प्रमाण है। यह कूटनीतिक जीत 140 करोड़ देशवासियों की जीत है। आज प्रधानमंत्री मोदी की सफल विदेश नीति का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। देश किस तेजी से बदल रहा है, यह जानने को लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद के उस बयान को देखना होगा। वो एक दौर में देश विरोधी शक्तियों के साथ जुड़ी हुई थीं। उन्होंने भी नौ सैनिकों की रिहाई के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मौत की सजा से घर वापसी तक: यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है और इस तथ्य का प्रमाण है कि हमारी विदेश नीति प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सक्षम हाथों में है। प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने फिर असंभव को संभव कर दिखाया है। शांत रहें और विश्वास रखें. कतर से लौटे पूर्व नौसैनिकों के परिवार को बधाई।” तो आप समझ गए होंगे कि किस तरह से देश बदल रहा है।