Hindu’s Protest : हिंदुत्व विरोधी ताकतों को रोकने के लिए बांग्लादेश की नकेल कसनी जरूरी

Bangladesh needs to be tightened to stop anti-Hindutva forces

बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों पर कट्टरपंथियों द्वारा की जा रही ज्यादती और अत्याचारों के खिलाफ शहर के लोगों में भारी रोष है। इसी मामले में मंगलवार को शहर के क्रांतिमान पार्क में राष्ट्रीय एकता मंच के बैनर तले एक रोष जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के साथ विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों के साथ- साथ शहर के गणमान्य लोगों ने शिरकत की। इसमें वक्ताओं ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
जनसभा के बाद प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचकर अतिरिक्त उपायुक्त सी जया श्रद्धा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में संयुक्त राष्ट्र संघ से इस मामले में हस्तक्षेप कर तुरंत बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने के साथ साथ केंद्र सरकार से भी इस मामले में सख्त कदम उठाए जाने की मांग की गई।
राष्ट्रीय एकता मंच के संयोजक मुकेश बंसल ने बताया कि बांग्लादेश में अगस्त माह से हिंदुओं के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उससे देशभर के हिंदुओं में रोष है। इसी बारे में आज यह जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक और धार्मिक संगठनों के साथ सामाजिक संस्थाओं के 5 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की।
  जनसभा को लेकर शहर के लोगों में काफी उत्साह देखा गया। सुबह 9 बजे से ही लोग क्रांतिमान पार्क में जमा होने शुरू हो गए। आयोजन किसी व्यक्तिविशेष संगठन या संस्था का न होकर सामूहिक एकजुटता का दिखा। संत समाज हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर काफी गुस्से में दिखा। उन्होंने हिंदुओं को एकजुट होने का संदेश देते हुए इस मामले में पूरी दुनिया के हिंदू समाज से सहयोग की मांग की। जात पात मत पंथ भुलाकर पूरा सनातन समाज एकजुट हो।
तभी इस तरह के अत्याचारों को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ये न सोचे कि ये घटनाक्रम बांग्लादेश में हो रहा है, इससे हमारा क्या लेना देना। इस घटनाक्रम को आगे बढ़ने से रोका नहीं गया तो कट्टरपंथियों के हौंसले बढ़ेंगे। हिंदुत्व विरोधी ताकतों को इससे और बढ़ावा मिलेगा। इससे आने वाले समय में देश भी इसी तरह की स्थिति का सामना कर सकता है। ऐसे में वर्तमान समय में इस तरह की ताकतों के खिलाफ सामूहिक एकजुटता का भाव सबसे पहले जरूरी है।

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