Akhilesh Yadav: भाजपा का बुलडोजर अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा
BJP's bulldozer has now started running on the honor and respect of the dead
लखनऊ, 01 अगस्त (वेब वार्ता)। दिवंगत पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनके पैतृक गांव में उनकी प्रतिमा स्थापित करने के लिए बन रहे चबूतरे को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत की जमीन पर बिना अनुमति चल रहे निर्माण को लेकर यह कार्रवाई की गई है। इसे लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर पोस्ट किया, “अभी तक भाजपा का बुलडोजर दुकानों और मकानों पर चलता था, अब मृतकों के मान-सम्मान पर चलने लगा है। चिल्लूपार से सात बार विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रस्तावित प्रतिमा स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा ध्वस्त किया जाना घोर आपत्तिजनक कृत्य है। प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण कराया जाए, ताकि जयंती के दिन पांच अगस्त को सम्मान के साथ प्रतिमा स्थापित की जा सके।
निंदनीय!” इससे पहले स्वर्गीय हरिशंकर के पुत्र व पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि यह राजनैतिक अराजकता हो, प्रशासनिक गुंडागर्दी हो या सत्ता का अहंकार, नीचता की पराकाष्ठा हो या ब्राह्मणों के प्रति व्यक्तिगत द्वेष, स्वाभिमान को चुनौती हो या संपूर्ण मानवता की हत्या, यह निर्णय चिल्लूपार विधानसभा की जनता ही नहीं बल्कि देश व प्रदेश वासी सही समय पर लेंगे। उन्होंने लिखा कि चिल्लूपार से लगातार सात बार विधायक रहे तथा 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश की विभिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे स्वर्गीय पंडित हरिशंकर तिवारी सम्मान व स्वाभिमान के प्रतीक थे, जिनकी जयंती 5 अगस्त को उन्हें श्रद्धांजलि देने का निर्णय मेरे गांव टाडा के ग्राम प्रधान व ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने लिया तथा गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने व उसके बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया।
विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन हेतु उप जिलाधिकारी तहसील गोला को भेजा गया तथा तैयारी शुरू कर दी गई। स्वर्गीय पंडित हरिशंकर तिवारी पंडित हरिशंकर तिवारी को उनके कद, पद, प्रतिष्ठा और सम्मान के अनुरूप श्रद्धांजलि देने के लिए गांव के लोगों के अलावा क्षेत्र के कई वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहने वाले थे। स्वाभाविक रूप से इस कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारियां चल रही थीं। अचानक 31 जुलाई को सरकार बुलडोजर लेकर भारी पुलिस बल के साथ मूर्ति स्थापना के लिए बनाए गए चबूतरे को तोड़ने पहुंच गई और चबूतरे को गिरा दिया। अब इसे क्या कहेंगे आप? जिस व्यक्ति को इस सरकार ने मरणोपरांत गॉड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया हो, जो व्यक्ति कल्याण सिंह की सरकार में उनका सहयोगी मंत्री भी था। जिस व्यक्ति को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की मौजूदगी में सम्मानित किया गया हो। मुलायम सिंह यादव और मायावती की सरकारों ने भी उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर सम्मानित किया हो और जो ब्राह्मण अस्मिता का पर्याय रहे हों। गांव में उनकी मूर्ति लगाने का फैसला हम उनके बेटों ने नहीं लिया अब यह गांव के नागरिकों द्वारा चुने गए ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति पर हमारे स्वाभिमान का विषय बनता है और सिर्फ मेरा ही नहीं किसी भी स्वाभिमानी पिता के स्वाभिमानी बेटे के साथ ऐसा व्यवहार होता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। हम भी नहीं करेंगे।
इस अराजकता का जवाब हम कानून व्यवस्था की हद में रहकर जरूर देंगे। हमें आप सभी का प्यार, सहयोग और समर्थन की अपेक्षा है। हम अपने साथियों और समर्थकों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। इस अन्याय का जवाब कानून की हद में रहकर दिया जाएगा। तहसीलदार बृजमोहन शुक्ला ने बताया कि ग्राम सभा की जमीन पर हरिशंकर की प्रतिमा लगाने के लिए नींव तैयार की जा रही थी। शिकायत की गई थी कि ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से नींव तैयार की जा रही है। जांच में यह बात सही पाई गई। नियमानुसार न तो कोई प्रस्ताव बनाया गया और न ही कोई अनुमति ली गई। इसके बाद अधिकारियों ने इसे हटाने के लिए कहा था। जब नहीं हटाया गया तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।