Ministry of Fisheries: ए-हेल्प कार्यक्रम पशुपालकों और विभाग के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क कायम करेगा: श्री पूरन कुमार गुरुंग

A-HELP programme will establish an important link between livestock farmers and the Department: Shri Puran Kumar Gurung

पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग के मंत्री श्री पूरन कुमार गुरुंग ने कल चिंतन भवन, गंगटोक में ‘ए-हेल्प’ (पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य एवं विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट) कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ग्रामीण विकास विभाग की सलाहकार श्रीमती कला राय इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित थीं।

अपने संबोधन में श्री गुरुंग ने कहा कि ए-हेल्प कार्यक्रम पशुपालकों और विभाग के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल पशुधन स्वास्थ्य, विस्तार सेवाओं और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पशुधन उत्पादन और ग्रामीण विकास में सुधार होने की संभावना है।

पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से उपस्थित लोगों को संबोधित किया और ए-हेल्प कार्यकर्ताओं को किसानों को पर्याप्त रूप से समर्थन देकर पशुधन क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को इसके लिए मौजूदा अंतराल को भरने तथा किसानों के दरवाजे तक विस्तार गतिविधियों को पहुंचाने की जरूरत बताई।

कार्यक्रम की शुरुआत सिक्किम के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा सचिव डॉ. शर्मन राय के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने बताया कि एजेंट जमीनी स्तर पर रोग नियंत्रण, पशुओं की टैगिंग और पशुधन बीमा में सहयोग देंगे।

ए-हेल्प भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की एक नई पहल है, जो पशुपालन गतिविधियों के लिए एन.आर.एल.एम. के एस.एच.जी. प्लेटफॉर्म की सेवाओं का लाभ प्रदान करती है। यह कार्यक्रम बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, मिजोरम, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल और असम सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है।

कार्यक्रम के दौरान पशु सखियों को विशेष ए-हेल्प किट वितरित किए गए। इन पशु सखियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और ए-हेल्प के रूप में मान्यता दी जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और पशु सखियों सहित 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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