Delhi University: अध्ययन क्षेत्र के साथ ही सामान्य जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है एंथ्रोपोलॉजी: प्रो. योगेश
Anthropology is important not only for the field of study but also for normal life: Prof. Yogesh
भारत में 45 वर्षों के बाद IUAES वर्ल्ड एंथ्रोपोलॉजी कांग्रेस का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है। इस 19वीं IUAES-WAU वर्ल्ड एंथ्रोपोलॉजी कांग्रेस-2023 का उद्घाटन दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस रीगल लॉज के कन्वेंशन हॉल में रविवार, 15 अक्टूबर सांय को हुआ। इस कार्यक्रम में 70 देशों के मानव विज्ञान और संबद्ध विषयों के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और विद्वानों ने भागीदारी की। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि एंथ्रोपोलॉजी न केवल अध्ययन के क्षेत्र के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि सामान्य रूप से जीवन के लिए भी इसकी प्रासंगिकता बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन दिल्ली विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक वाइस रीगल लॉज में होने को भी एक सुखद संयोग बताया कार्यक्रम के दौरान IUAES के अध्यक्ष प्रोफेसर जुन्जी कोइज़ुमी ने अपने संबोधन में प्रोफेसर सौमेंद्र एम. पटनायक का आभार व्यक्त किया, जिन्हें 2018 से IUAES के उपाध्यक्ष के रूप में सेवा देने के बाद अगले चार वर्षों के लिए वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था। प्रोफेसर जुन्जी ने IUAES के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पहली कांग्रेस 1934 में लंदन में आयोजित हुई थी। उसके बाद एशिया सहित दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में इसका आयोजन हुआ। भारत ने 1978 में प्रोफेसर एल.पी. विद्यार्थी के नेतृत्व में इस कार्यक्रम की मेजबानी की थी। उन्होंने कहा कि संस्थानों के माध्यम से IUAES अधिक सक्रिय हुआ है। दिल्ली विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सौमेंद्र एम. पटनायक ने कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस बार यह कार्यक्रम दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में ही आयोजित किया जा रहा है, जो संस्थान के उन्नत बुनियादी ढांचे और इतने बड़े कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करने की क्षमता को स्वीकृति प्रदान करता है। कॉन्फ्रेंस की संचालन समिति के अध्यक्ष जी.बी. पटनायक ने इस कांग्रेस की तुलना एंथ्रोपोलॉजी के जी-20 से की, जहां दुनिया भर के शीर्ष शिक्षाविद् इकट्ठा होते हैं और एक पूर्वानुमानित विज्ञान के रूप में एंथ्रोपोलॉजी के महत्व पर जोर देते हैं, जो वैश्विक चुनौतियों के लिए बेहतर तैयारी में सहायता कर सकता है।
1934 से वैश्विक स्तर पर हो रहा है एंथ्रोपोलॉजिकल एंड एथ्नोलॉजिकल कॉन्फ्रेंसों का आयोजन
इंटरनेशनल यूनियन ऑफ एंथ्रोपोलॉजिकल एंड एथ्नोलॉजिकल साइंसेज (IUAES) मानव विज्ञान, नृविज्ञान, पुरातत्व और भाषा विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिकों और संस्थानों का एक वैश्विक संगठन है। यह संगठन 1934 से वैश्विक स्तर पर एंथ्रोपोलॉजिकल एंड एथ्नोलॉजिकल पर अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों का आयोजन कर रहा है। इसका उद्देश्य दुनिया के सभी क्षेत्रों के विद्वानों के बीच संचार को बढ़ाना और समृद्ध करना है, ताकि प्रकृति और संस्कृति के बीच सामंजस्य के आधार पर स्थायी भविष्य के लिए मानवीय अनुभवों की समझ का विस्तार किया जा सके। यह 19वीं IUAES-WAU वर्ल्ड एंथ्रोपोलॉजी कांग्रेस-2023, गहन बौद्धिक आदान-प्रदान, वैश्विक संबंधों को बढ़ावा देने और मानव विज्ञान के क्षेत्र में ज्ञान की खोज का काम करेगी। इसमें 165 तकनीकी सत्र, 10 पूर्ण सत्र, 160 पैनल, 15 गोलमेज, 10 कार्यशालाएं और 16 एथ्नोग्राफिक फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ कार्यक्रमों का एक व्यापक रोस्टर शामिल है। इस कॉन्फ्रेंस में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के जनपद संपदा प्रभाग, रॉक कला प्रभाग और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय की प्रदर्शनियां भी शामिल हैं। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य थ्योरी और प्रेक्टिस को जोड़ना, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना और नीति निर्माताओं एवं शिक्षाविदों को सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करना है।