निसंतान हिंदू विधवा की मौत के बाद किसकी होगी संपत्ति? Supreme Court ने सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा पर सुनवाई करते हुए कहा कि विवाह के बाद महिला का गोत्र बदल जाता है जो सदियों से चली आ रही परंपरा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस परंपरा को तोड़ना नहीं चाहता। मामला निःसंतान हिंदू विधवा की संपत्ति के उत्तराधिकार से जुड़ा है जिसमें संपत्ति ससुराल वालों को मिलती है।
कोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह में जब कोई महिला शादी करती है, तो उसका गोत्र बदल जाता है और यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि हिंदू समाज में ‘कन्यादान’ की अवधारणा है। इसके तहत विवाह के समय महिला का गोत्र बदलकर उसके पति के गोत्र में शामिल हो जाता है। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट की इकलौती महिला जज हैं।