भारत में पहली बार: अमृता हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने नई तकनीक से किया कंधे का सफल ऑपरेशन
For the first time in India: Doctors of Amrita Hospital successfully performed shoulder operation using new technology
भारत में पहली बार एक मरीज के कंधे की सर्जरी में ह्यूमन डर्मल एलोग्राफ्ट (HDA) पैच का उपयोग किया गया है। यह सफलता अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के डॉक्टरों की टीम ने हासिल की, जो अब भारत को विश्व स्तरीय ऑर्थोपेडिक उपचार तकनीकों की सूची में अग्रणी बना रही है।

💡 यह तकनीक क्या है?
ह्यूमन डर्मल एलोग्राफ्ट (Human Dermal Allograft) एक खास तरह का डोनर त्वचा से बना बायोलॉजिकल पैच होता है, जिसे फटी हुई मांसपेशियों को सहारा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका में यह प्रक्रिया आम है, लेकिन भारत में यह पहली बार उपयोग की गई है।
🧑⚕️ मरीज कौन था?
नाम: वासु बत्रा
उम्र: 28 वर्ष
निवास: फरीदाबाद, हरियाणा
समस्या: बार-बार कंधा खिसकना, मांसपेशियों की क्षति
पहली सर्जरी: 2021 (बैंकार्ट सर्जरी – असफल रही)
🔬 क्या हुआ इस बार अलग?
पिछली सर्जरी के फेल होने के बाद कंधा कमजोर और अस्थिर हो गया था
मांसपेशी और हड्डी दोनों को नुकसान था
सामान्य तकनीकों से राहत नहीं मिली
इसलिए, सर्जन डॉ. प्रियतर्शी अमित ने नया रास्ता चुना — ह्यूमन डर्मल एलोग्राफ्ट पैच + बोन ग्राफ्ट। यह पैच विशेष रूप से अमेरिका से मंगवाया गया।
🛠️ सर्जरी की विशेषताएं:
सर्जरी की तारीख: 5 जून 2025
स्थान: अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद
नई तकनीक:
HDA पैच
Arthrex Virtual Implant Positioning (VIP) सिस्टम
लाभ:
बेहतर मांसपेशी रिकवरी
90% तक सफल परिणाम
दुबारा फटने की संभावना में भारी कमी (26% → 10%)
💬 डॉक्टरों की राय:
डॉ. प्रियतर्शी अमित, वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन:“इस केस में जॉइंट सॉकेट और मांसपेशी दोनों बुरी तरह क्षतिग्रस्त थे। इस वजह से हमें सर्जरी के लिए एक दोहरी रणनीति की ज़रूरत थी — मजबूती और लचीलापन। HDA पैच ने दोनों आवश्यकताएं पूरी कीं।”“यह तकनीक हमने अमेरिका में सीखी, और अब भारत में भी इसे संभव बनाकर गर्व महसूस हो रहा है।”
💼 मेडिकल पार्टनर: अवाना मेडिकल डिवाइसेज़
HDA पैच को भारत में लाने का काम Avana Medical Devices Pvt. Ltd. ने किया।
MD श्री पी. सुंदरराजन ने कहा:
“भारत में मेडिकल टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करना ही हमारा मिशन है। इस केस में समय पर डर्मल एलोग्राफ्ट उपलब्ध करवाना हमारी टीम की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।”
🧍♂️ मरीज की प्रतिक्रिया:
वासु बत्रा ने भावुक होते हुए कहा:
“पिछली सर्जरी के फेल होने के बाद मैं टूट चुका था। हाथ उठाना, खाना पकाना, या शर्ट पहनना — सब दर्दनाक हो गया था। अब, इस नई तकनीक ने मुझे दोबारा उम्मीद दी है।”
उन्हें सर्जरी के 24 घंटे के भीतर हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई और अब वे रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया में हैं।
📊 आंकड़ों में यह सर्जरी क्यों खास है?
भारत में 40 वर्ष से ऊपर के 20% लोग रोटेटर कफ इंजरी से पीड़ित होते हैं
हर साल हजारों सर्जरी होती हैं लेकिन री-टियर (फिर से फटना) आम समस्या है
HDA पैच से ये जोखिम 60% तक घटाया जा सकता है
अमेरिका में हर साल 20,000 से अधिक सर्जरी HDA से की जाती हैं
📈 भविष्य की दिशा
यह केस भारत में ऑर्थोपेडिक सर्जरी की एक नई शुरुआत का संकेत है।
अब सवाल ये नहीं है कि “क्या भारत में यह संभव है?”, बल्कि यह है — “अब और कहां यह तकनीक लागू हो सकती है?”




