दूसरा अमृत स्नान आज 17 शृंगारों के साथ नागा संन्यासी लगाएंगे पहली डुबकी
महाकुंभनगर: विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन प्रयागराज महाकुंभ के मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए मंगलवार से ही करोड़ों लोग पहुंच गए। बुधवार को दूसरे अमृत स्नान के लिए त्रिवेणी संगम पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की संभावना है। पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक लोग गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं। इस बीच, मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की है। दूसरे अमृत स्नान से पहले यहां नागा संन्यासी डुबकी लगाएंगे। इससे पहले ईष्ट देव की पूजा एवं इनका शृंगार होता है। बुधवार को ज्यादातर नागा 17 कठिन शृंगार से सजे होंगे। इनमें भस्मी, पंचकेश, तिलक, चंदन, गुथी हुई जटायें, काजल, चिमटा/डमरू या कमंडल, रुद्राक्ष की माला, कुंडल, रोली का लेप, हाथ में कड़ा, अंगूठी, बांह पर माला या रुद्राक्ष, पैर में चांदी या लोहे का कड़ा, कमर पर रुद्राक्ष या फूल की माला, इत्र या चंदन का लेप, लंगोटी या कोपीन शामिल बताये जाते हैं। ये संन्यासी गंगा को अपनी मां के समान सम्मान और आदर भाव देते हैं। अमृत स्नान के पहले यह खुद को स्वच्छ करके ही गंगा में अमृत स्नान को जाते है ताकि मां का आंचल गंदा न हो।