Uttrakhand: त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने अपने संपर्कों से रायपुर में निवासी बीमार पत्रकार का फोन नम्बर लेकर रात में ही उनसे वार्ता की
Trilok Chandra Bhatt took the phone number of the ailing journalist resident of Raipur from his contacts and talked to him at night itself.
देहरादून। उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) के एक प्रतिनिधि मंडल ने किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे वीडियो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह के घर जाकर उनके उपचार हेतु आर्थिक सहायता संबंधी प्रपत्र तैयार करवाने के बाद मुख्यमंत्री और और सूचना विभाग को प्रेषित किये हैं।
पत्रकार कल्याण कोष के पूर्व सदस्य एवं यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट को जैसे ही वीडियो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह की दोनों किडनी खराब होने की जानकारी मिली उन्होंने रात में ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी को ईमेल द्वारा मामले की सूचना देकर बीमार पत्रकार को उपचार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। महानिदेशक सूचना ने भी मामले का तत्काल संज्ञान लिया। जिसके बाद अपर निदेशक आशिष त्रिपाठी द्वारा श्री भट्ट को बीमार पत्रकार के आवेदन संबंधी औरचारिकताएं पूरी कराने और मदद का आश्वासन दिया गया है।
श्री भट्ट ने अपने संपर्कों से रायपुर में निवासी बीमार पत्रकार का फोन नम्बर लेकर रात में ही उनसे वार्ता की। उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एकत्र करने के बाद सुबह होते ही वे पत्रकार नवीन पांडे और हिमांशु के साथ हरिद्वार से रायपुर हिमांशु तो यह भी जानकारी मिली कि रामपाल सिंह को हाइपरटेंशन, ब्रेन में रक्तस्राव, आईबीडी, आतों में घाव और कई अन्य विकार भी हैं। जिस कारण उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। त्रिलोक चन्द्र भट्ट एवं नवीन चन्द्र पाण्डेय ने पत्रकार कल्याण कोष ने उनके उपचार हेतु आर्थिक सहायता संबधी पत्रावली तैयार कर बीमार पत्रकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) संकट की इस घड़ी में उनकी साथ खड़ी है।
श्री भट्ट ने बताया कि पत्रकार रामपाल सिंह दो बार कोरोना का शिकार हुये थे जिसके बाद अनेक व्याधियों ने उन्हें जकड़ लिया। उनकी दोनों किडनी फेल होने के साथ कई शारीरिक विकार उत्पन्न हो गये हैं। जिस कारण हफ्ते में तीन बार डाइलेसिस करना पड़ रहा है। लेकिन कमजोर आर्थिकी के कारण उनके सामने अच्छे इलाज की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। श्री भट्ट ने कहा कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर विकासखंड अंतर्गत नौगांव के मूल निवासी रामपाल करीब दस वर्षों से विभिन्न प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं देते रहे हैं। उन्होंने नेटवर्क-10, तहलका इंडिया न्यूज, हिमालय न्यूज और पर्वतजन में भी अपनी सेवाएं दी हैं। लेकिन इलाज और दवाइयों के महंगे खर्च के कारण उनको अपना घर तक बेचना पड़ा। घर से बेघर होने के बाद वे किराये के मकान में रहने को मजबूर हुये लेकिन एक समय ऐसा भी आ गया कि उनके पास किराये के भी पैसे नहीं रहे।
रामपाल सिंह के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी आयुषि मूक-बधिर है। वह इंटरमीडियेट कर चुकी है, जबकि पिता की बिमारी के कारण दूसरी बेटी तनिष्का का ग्याहरवीं के बाद स्कूल छूट गया है। बेटा पंकज जैसे-तैसे बारवीं कक्षा में पढ़ रहा है। जबकि पति के बेरोजगार हो जाने के कारण घर चलाने के लिए पत्नी को एक प्राइवेट संस्थान में काम करना पड़ रहा है।
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट के अनुसार फोटो जर्नलिस्ट्स रामपाल सिंह का जीवन बचाने के लिए उनकी पत्नी ने अपनी एक किडनी डोनेट करने की सहमति दी है। लेकिन उसमें आने वाले महंगे खर्च के कारण अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि जो लोग रामपाल सिंह की आर्थिक मदद करना चाहते हैं वह सीधे उनके निम्न बैंक खाते में भेज सकते हैं।