Delhi: डीयू में एनईपी 2020 पर फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित

Faculty induction program organized on NEP 2020 in DU

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि इस पृथ्वी पर शिक्षण सबसे बढ़िया व्यवसाय है। प्रो. योगेश सिंह नवनियुक्त शिक्षकों के लिए आयोजित फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा “एनईपी 2020: पेडागोजिकल इम्पेराटिवस फॉर हायर एजुकेशन” विषय पर एक फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन शुक्रवार को किया गया। विश्वविद्यालय के खेल परिसर के बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की। इस अवसर पर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क की राष्ट्रीय संचालन समिति के अध्यक्ष पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन (पूर्व अध्यक्ष, इसरो और पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षा नीति समिति) बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने अपने संबोधन में कहा कि एनईपी 2020 समग्र शिक्षा को पूर्ण करने वाली है। इसके माध्यम से जीवन के हर पक्ष को समग्र तरीके से समृद्ध किया जा सकता है।

कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि एक साल में डीयू में शिक्षकों की नई नियुक्तियों का आंकड़ा 3500 से अधिक है। यह किसी विश्वविद्यालय में इतने समय में नियुक्तियों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने बताया कि हमारे पास कुल  5200 रिक्तियां थी जिनमें से अभी 1700 बची हुई है। कुलपति ने नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपका योगदान, प्रतिबद्धता, समर्पण और आचरण संस्थान को भविष्य में सर्वोत्तम बनाएगा। कुलपति ने नियुक्तियों में सहयोग के लिए विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद का भी आभार जताया। उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में शिक्षण का सर्वोत्तम सुअवसर मिल चुका है, अब आपको दूसरों के लिए सर्वोत्तम करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल देता है। शिक्षक संस्कार, संस्कृति, पढ़ाई, खुशी, सकारात्मकता और मौलिकता देता है।

उन्होंने उपस्थित शिक्षकों से आह्वान किया कि वे रोने वाले और नारे लगाने वाले न बनें। शिक्षक नारे लगाते हुए अच्छे नहीं लगते। कुलपति ने कहा कि 18वीं-19वीं सदी की इस परंपरा को बदलें, क्योंकि समाज इसे अच्छा नहीं मानता। आप अच्छा करेंगे तो लोग अनुसरण करेंगे और अगर आप नारे लगाएंगे तो दूसरी जगह भी वह अनुसरण किया जाएगा। विरोध करने के और भी तरीके हो सकते हैं। एनईपी 2020 को लेकर चर्चा करते हुए कुलपति ने कहा कि यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही अर्थ में लागू करना है तो माइंडसेट बदलने होंगे। एक अच्छा इंसान बनाना भी शिक्षा का काम है। शिक्षक अपने आप में ही एक संस्था है। उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों से मुखातिब होते हुए कहा कि आपको शिक्षण की नई पद्धतियों पर सोचा होगा; यदि आप विद्यार्थियों का ध्यान आकर्षण करने में सफल रहते हैं तो समझिए आप अपने उद्देश्य में सफल हुए। शिक्षक और शिक्षण का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल है।

डॉक्टर के. कस्तूरीरंगन ने अपने संबोधन में एनईपी 2020 के बारे में विस्तार से जानकारी  साझा की। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 का लक्ष्य कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में चार साल के स्नातक कार्यक्रम जैसे बदलाव लाना व स्कूलों और कॉलेजों में कौशल-आधारित शिक्षा पर अधिक ध्यान देना है। यह व्यावसायिक और पाठ्यपुस्तक आधारित शिक्षा। उन्होंने कहा कि एनसीएफ एक ऐसी शिक्षा प्रणाली के निर्माण में योगदान देगा, जो बदलते समय की मांग के अनुरूप हो। डॉ. कस्तूरीरंगन ने एनईपी 2020 के तहत फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के इस आयोजन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय को बधाई भी दी।

कार्यक्रम के आरंभ में शिक्षा संकाय के डीन प्रो. पंकज अरोड़ा ने अतिथियों के स्वागत एवं औपचारिक परिचय के उपरांत कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के समापन पर रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. बलराम पाणी, डायरेक्टर साउथ कैम्पस प्रो. श्री प्रकाश सिंह, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, रजिस्ट्रार डॉक्टर विकास गुप्ता और डीन एजुकेशन प्रो. पंकज अरोड़ा सहित अनेकों डीन, विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल व हजारों नवनियुक्त शिक्षक उपस्थित रहे।

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