Culture: वेदों के बिना संस्कृति और सभ्यता संभव नहीं -अतुल सहगल

Culture and civilization are not possible without Vedas - Atul Sehgal

 केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “ऋग्वेद के प्रथम मंत्र की व्याख्या” पर आनलाईन गोष्ठी का आयोजन किया गया।
वैदिक प्रवक्ता अतुल सहगल ने मानव जीवन के मौलिक पहलुओं की चर्चा की और बताया कि मनुष्य जन्म जीवात्मा की उन्नति के लिए हुआ है और वेद इस उन्नति के प्रमुख साधन व आधार हैं।ऋग्वेद मौलिक ज्ञान की ऋचाओं का वेद है और इसलिए इस प्रथम वेद का प्रथम मन्त्र वेदों का ही प्रवेश द्वार है।वेदों के मानव जीवन में महत्व को पुनः उजागर किया और यह कहा कि वेदों के बिना आज न सभ्यता होती न संस्कृति होती और आज भी मनुष्य लगभग पशुवत व्यवहार कर रहे होते।मन्त्र के हर शब्द का अर्थ सामने रखा और इस प्रकार मंत्र की व्याख्या प्रारम्भ की।उन्होंने महर्षि दयानन्द द्वारा रचित ऋग्वेद के भाष्य से उद्धरित करते हुए इस मन्त्र का भावार्थ प्रस्तुत किया।मन्त्र के मर्म को और स्पष्ट करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सामान्य तथ्य भी प्रस्तुत किये जो वेदों को लेकर और विशेषतः इस मन्त्र को लेकर स्थापित हैं।यह बताया कि वेद मन्त्र ईश्वरीय परा वाणी हैं जो कि ब्रह्माण्ड में ध्वनि के रूप में गूँजती रहती है।इस वाणी को सुना जा सकता है– केवल यौगिक समाधि अवस्था में।उसके उपरांत मन्त्र के भावार्थ से ही उतारे हुए दस बिंदु सामने रखे और प्रत्येक की व्याख्या की। विशेष रूप से मन्त्र में आने वाले शब्दों का मार्मिक अर्थ प्रस्तुत किया।वक्ता ने बताया कि रत्न भी दो प्रकार के होते हैं — भौतिक और आध्यात्मिक और इस मन्त्र में दोनों अर्थ समाहित हैं — अधिदैविक और आध्यात्मिक l मन्त्र त्रेेतवाद के रहस्य का उद्घाटन भी करता है।वक्ता ने मन्त्र में छुपे हुए मानव जीवन के मौलिक तथ्यों को पुनः प्रकाशित किया अंत मे यह कहा कि सांसारिक सुख — धन धान्य और अध्यात्मिक उन्नति,दोनों के लिए यह मन्त्र मार्ग खोलता है और प्रेरणा देता है।
मुख्य अतिथि आर्य नेता सतीश नागपाल व अध्यक्ष अनिता रेलन ने वेद मंत्रों के महत्व पर प्रकाश डाला। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन किया व राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
गायिका प्रवीणा ठक्कर, रविन्द्र गुप्ता, कमला हंस, जनक अरोड़ा, रजनी गर्ग, शोभा बत्रा,पूनम तनेजा, कौशल्या अरोड़ा आदि ने मधुर भजन प्रस्तुत किए।

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