Mumbai: भारत की ऐश्वर्या मिश्रा ने एशियन गेम्स में 4×400 मीटर की दौड़ में रजत पदक हासिल किया

India's Aishwarya Mishra won silver medal in 4x400 meter race in Asian Games

विनय महाजन हमारा मैट्रो  

ऐश्वर्या की इस जीत ने देश का मान बढ़ाया

मुंबई :- चीन में चल रहे एशियन गेम्स में मुंबई के दहिसर पूर्व स्थित धारखाड़ी जैसे स्लम बस्ती में फल बेचकर बेटी के सपनों को साकार देने वाले उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर के अंतर्गत आने वाले सुल्तानपुर गांव के रहने वाले कैलाश मिश्रा को इन दिनों लगातार उनकी बेटी के सफलता पर बधाई संदेश मिल रहे हैं। बता दे कैलाश मिश्रा की बेटी
ऐश्वर्या मिश्रा एशियन गेम्स में चार 4x 400 मीटर की दौड़ में रजत पदक हासिल करके मुंबई सहित उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर का भी नाम रौशन किया है।
भारत की विध्या, ऐश्वर्या, प्राची, तथा सुभा की टीम ने देश को रजत पदक दिलाकर देश का सम्मान बढ़ाया है। ऐश्वर्या मिश्रा के माता-पिता का कहना है कि बेटी ने दिवाली से पहले हम लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। कैलाश मिश्रा बताते हैं कि बेटी का जन्म और पालन पोषण मुंबई में ही हुआ है। मेरी एक छोटी सी फल की दुकान है जो उसके आय से परिवार की प्राथमिक ज़रूरतें पूरी करती हैं। रजत पदक विजेता मेरी मझली बच्ची है। वह 11 साल की उम्र में मुंबई के मैराथन प्रतियोगिता से करियर की शुरुआत की थी और कई पुरस्कार भी जीते, इसके बाद कांदिवली स्थित साई स्पोर्ट्स अकैडमी में उसका दाखिला कराया। कोच सुमित सिंह के मार्गदर्शन में ऐश्वर्या को ट्रेनिंग मिल रही थी, पहले 4x 800 मीटर की दौड़ के लिए ट्रेनिंग दी जा रही थी लेकिन 4x 800 मीटर की दौड़ में ऐश्वर्या को सफलता नहीं मिली तो कोच ने 4x 400 मीटर की दौड़ के लिए तैयार किया। मुंबई विश्वविद्यालय में आयोजित 4x 400 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता में पहली बार ऐश्वर्या ने गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके बाद कई मेडल ऐश्वर्या ने अपने नाम किया।
बेटी की कामयाबी के पीछे माता-पिता की कठोर तपस्या का नतीजा है कि देश को रजत पदक दिलाने वाली महिला टीम की हिस्सा ऐश्वर्या मिश्रा आज भी दहिसर पूर्व में स्थित मिश्रा कंपाउंड जैसे स्लम बस्ती में 10 * 10 के रूम में रहती है। उनके पिता कैलाश मिश्रा और माता आशा मिश्रा ने बेटी को एथलीट बनाने में बहुत कड़ी तपस्या की है। ऐश्वर्या मिश्रा को बचपन से ही दौड़ने का शौक था और मुंबई मैराथन प्रतियोगिता में भाग लेकर कई पुरस्कार भी जीत चुकी थी। माता-पिता बेटी की प्रतिभा को देखते हुए कांदिवली स्थित साई स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में दाखिल कराया था। ऐश्वर्या मिश्रा के पिता कैलाश मिश्रा बताते हैं कि बेटी पिछले 3 साल से लगातार खेल की तैयारी कर रही थी, जब बेटी घर लौटेगी तो लोग उसकी स्वागत की तैयारी कर रहे हैं। पिता कैलाश मिश्रा बेटी को रजत पदक जीतने पर अब उम्मीद जताई है और उनका कहना है कि उनकी बेटी ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल एक दिन जरूर हासिल करेगी

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