Delhi : मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) ने दिल्ली सोलर पॉलिसी के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक की
Chief Minister Atishi held a review meeting on the implementation of Delhi Solar Policy
मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को बिजली विभाग और दिल्ली के तीनों बिजली कंपनियों के उच्चाधिकारियों के साथ ‘दिल्ली सोलर पॉलिसी 2023’ के क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि, दिल्ली सोलर पॉलिसी के तहत रूफटॉप सोलर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को उनकी जनरेशन बेस्ड इंसेंटिव (GBI) और कैपिटल सब्सिडी महीनेभर में जारी की जाए। साथ ही सीएम आतिशी ने निर्देश दिए कि, उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने के गाइडलाइंस भी एक हफ्ते में जारी की जाए। बता दे कि दिल्ली सोलर पॉलिसी 2023 इस साल मार्च में अधिसूचित हुई थी। लेकिन तुरंत बाद होने वाले लोकसभा चुनावों के कारण लोगों को इस प्रगतिशील पॉलिसी का क्रियान्वयन धीरे रहा। इस बाबत सीएम आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि , दिल्ली सोलर पॉलिसी 2023 देश की सबसे प्रगतिशील सोलर पॉलिसी है। दिल्ली के लोग इस प्रगतिशील पॉलिसी के विषय में बेहतर ढंग से जाने और इसका लाभ उठा सके। इसके लिए बिजली विभाग और सभी बिजली कंपनियाँ विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों के ज़रिये दिल्ली के लोगों तक इससे जुड़ी जानकारियाँ पहुंचायें। बता दे कि, आप” की दिल्ली सरकार अपनी पॉलिसी के अंतर्गत पूरे देश में सोलर पैनल लगवाने वालों को जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव(GBI) देने वाली अकेली सरकार है।
इस पॉलिसी के तहत प्रति यूनिट उत्पादन पर तो उपभोक्ताओं को जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव मिलता ही है, जो उनके बिजली बिल सब्सिडी में जोड़ दिया जाता है। लेकिन यदि कोई उपभोक्ता खपत से ज़्यादा बिजली उत्पादन करता है तो इस पॉलिसी के तहत सप्ताह भर में ही उपभोक्ताओं के बैंक अकाउंट में बिजली कंपनियों इससे जुड़ी सब्सिडी ट्रांसफर कर देगी। सीएम आतिशी ने कहा कि, दिल्ली सोलर पॉलिसी के तहत दिल्ली सरकार के दो लक्ष्य हैं। पहला, दिल्ली को पूरे भारत में सौर ऊर्जा अपनाने के मामले में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना है। जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। दूसरा, गैर-सब्सिडी वाले आवासीय उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को जीरो और कमर्शियल व औद्योगिक उपभोक्ताओं का बिजली का बिल 50 फीसद तक कम करना है। इसके अलावा, मार्च 2027 तक दिल्ली की कुल स्थापित सौर क्षमता को मौजूदा क्षमता 1500 मेगावाट से तीन गुना बढ़ाकर 4,500 मेगावाट करना है। इससे 2027 तक दिल्ली की बिजली खपत का लगभग 20 फीसद सौर ऊर्जा से आएगा, जो भारत में सबसे अधिक होगा।