Buisness: कच्चे हीरे की कमी से डायमंड इंडस्ट्री परेशान, कीमत में जोरदार तेजी की आशंका

Diamond industry troubled by shortage of raw diamonds, possibility of steep rise in prices

नई दिल्ली, 25 सितंबर (वेब ​​वार्ता)। आभूषण पहनने के शौकीन लोगों को अब अपने शौक को सीमित करने पर मजबूर होना पड़ सकता है। वैश्विक तेजी के कारण सोने और चांदी की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अब हीरे की कीमत में भी भारी उछाल आने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कच्चे हीरे की कीमत में करीब 40 फीसदी का इजाफा हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो तैयार हीरे और हीरे के आभूषणों की कीमत में भी तेजी आ सकती है। आपको बता दें कि इस समय पूरी दुनिया में हर साल 80 से 85 लाख कैरेट कच्चे हीरे की मांग है। लेकिन आपूर्ति के मोर्चे पर इस समय सिर्फ 70 से 72 लाख कैरेट कच्चे हीरे ही उपलब्ध हैं। ऐसे में पिछले 6 महीने में कच्चे हीरे की कीमत में 35 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। माना जा रहा है कि पिछले 20 से 25 सालों के दौरान कच्चे हीरों का दोहन काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से ज्यादातर हीरे उन खदानों से निकाले गए हैं, जहां से पहले हीरे निकाले जाते थे। अब इन खदानों से हीरे निकालने में ज्यादा मेहनत और पैसा लग रहा है।इस समय दुनिया का सबसे बड़ा हीरा भंडार जिम्बाब्वे में बचा हुआ है। ऐसा सिर्फ इसलिए भी है क्योंकि वर्ल्ड डायमंड काउंसिल के प्रतिबंध की वजह से जिम्बाब्वे के हीरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने पर रोक लग गई थी। एक अनुमान के मुताबिक जिम्बाब्वे के पास हीरों का इतना बड़ा भंडार है कि वहां की खदानों से सालाना 15 लाख कैरेट कच्चे हीरे निकाले जा सकते हैं। कच्चे हीरों की आपूर्ति में कमी की वजह से भारत जैसे देश में भी संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। हीरे तराशने के मामले में भारत दुनिया में सबसे ऊंचा स्थान रखता है। सूरत में दुनिया में सबसे ज्यादा हीरे तराशने का काम होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कच्चे हीरों की आपूर्ति कम हुई तो इसकी कीमत और भी बढ़ सकती है, जिसकी वजह से तैयार हीरों की कीमत में भी काफी इजाफा हो सकता है। इसके साथ ही कच्चे हीरे की आपूर्ति में कमी के कारण हीरा तराशने के काम में लगे लोगों के लिए रोजगार का संकट पैदा हो सकता है।

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