Delhi: अनाथ विद्यार्थियों के लिए डीयू ने आयोजित किया “हमें आप पर गर्व है” कार्यक्रम
DU organizes “We are proud of you” program for orphan students
दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार शुरू किए गए अनाथ कोटा के तहत प्रवेश पाने वाले मेधावी विद्यार्थियों के अभिनंदन के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। “हमें आप पर गर्व है” नाम से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि आप यह मत सोचना कि आप अकेले हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय आपके साथ है और हम आपके अभिभावक हैं। किसी भी दिक्कत की स्थिति में आप हम से संपर्क कर सकते हैं।
कुलपति ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने शताब्दी वर्ष में अनाथ बच्चों के लिए सीटों के आरक्षण के प्रावधान का अहम निर्णय लिया था। इसके तहत दाखिलों में आरक्षण की श्रेणियों में एक अतिरिक्त श्रेणी जोड़ी गई थी। इसके माध्यम से विश्वविद्यालय के कॉलेजों और विभागों में प्रत्येक प्रोग्राम में 2 विद्यार्थियों (एक पुरुष और एक महिला) के लिए सीटों का आरक्षण निर्धारित किया गया था। कुलपति ने इस कोटे के तहत डीयू में दाखिल हुए विद्यार्थियों से कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सब मेधावी हैं और ज़िंदगी में काफि अच्छा करेंगे। आपको इतिहास बनाने वाले होना चाहिए। आपको अच्छे से पढ़ाई करके खुद को मजबूत बनाना है और भविष्य में देने वाले बनना है।
इस अवसर पर कुलपति ने डीएसडब्ल्यू प्रो. पंकज अरोड़ा से कहा कि इस कोटा के लिए अलग से एक विभाग बनाया जाए और एक ज्वाइंट डीन नियुक्त किया जाए। इसके साथ ही उन्होने कहा कि जिन कॉलेजों ने फीस ली है वह फीस रिफ़ंड की जाएगी। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय में हॉस्टल सुविधा विद्यार्थी संख्या के हिसाब से काफी कम है, फिर भी इनमें से जिन विद्यार्थियों को हॉस्टल मिल सकता है उनसे कोई फीस नहीं ली जाएगी। कुलपति ने कहा कि अभी शुरुआत है, जैसे जैसे जानकारी बढ़ेगी, इस कोटे के तहत विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 80 करोड़ जरूरतमन्द लोगों के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था की है ताकि कोई देश में भूखा न सोए। यह एक बहुत बड़ी पहल है। अगर ज़िंदगी में स्थायी परिवर्तन लाना है तो उसके लिए अगला कदम शिक्षा है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों को ऐसे जरूरतमंदों के लिए आगे आकर काम करना चाहिए।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत जो पुण्य कार्य कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने किया है उसे भारत के अकादमिक जगत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। डीयू सांस्कृतिक परिषद के चेयर पर्सन अनूप लाठर ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने कुलपति प्रो. योगेश सिंह के दिशा निर्देशन में अनाथ बच्चों के लिए आरक्षण के प्रावधान का जो कार्य किया है वह देश में पहली बार हुआ है। पहले किसी भी विश्वविद्यालय में ऐसी योजना नहीं है। उन्होने कोटे के तहत दाखिला पाए विद्यार्थियों से कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय आपका घर है। आप डीयू के बेटे-बेटियाँ हो। इस अवसर पर डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने दाखिला प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस शैक्षणिक सत्र में 101 अनाथ विद्यार्थियों को इस आरक्षण कोटा के तहत दाखिला दिया गया है। इस योजना के तहत बीटेक में 3, पीजी में 17, यूजी में 78 और बीबीए तथा एलएलबी में 3 विद्यार्थियों को दाखिला आवंटित किया गया है। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय के पास करीब 4000 सीटें इस कोटे के तहत हैं।