Delhi: जल मंत्री आतिशी ने पल्ला स्थित मास्टर बैलेंसिंग रिज़र्वायर व फ्लड प्लान प्रोजेक्ट का किया निरीक्षण

Water Minister Atishi inspected the Master Balancing Reservoir and Flood Plan Project located at Palla.

केजरीवाल सरकार घर-घर 24×7 साफ़ पानी पहुँचाने की दिशा में युद्धस्तर पर काम कर रही है। ऐसे में जल मंत्री आतिशी ने लगातार तीसरे हफ़्ते निरीक्षण की श्रृंखला जारी रखते हुए बुधवार को पल्ला स्थित मास्टर बैलेंसिंग रिज़र्वायर और फ्लड प्लेन प्रोजेक्ट का दौरा किया। बता दे कि, पल्ला में केजरीवाल सरकार 8 एमजीडी का यूजीआर तैयार करवा रही है जो अपनी पूरी क्षमता पर प्रतिदिन 40 एमजीडी पानी सप्लाई कर सकेगा।  निरीक्षण के दौरान जल मंत्री आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्चे हुए काम को समाप्त कर जल्द इस रिज़र्वायर को शुरू किया जाए। उल्लेखनीय है कि, केजरीवाल सरकार का पल्ला फ्लड प्लेन प्रोजेक्ट, लगातार चौथे साल भी सफल रहा है और यहाँ भूजल स्तर में 1.2 मीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पल्ला फ्लड प्लेन प्रोजेक्ट के तहत 26 एकड़ में फैले तालाब के साल 2022-23 में 740 मिलियन गैलन ग्राउंड वाटर रिचार्ज हुआ है।

लगातार चौथे साल भी सफल रहा केजरीवाल सरकार का पल्ला फ्लड प्लेन प्रोजेक्ट, भूजल स्तर में 1.2 मीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई

पल्ला फ्लड प्लेन प्रोजेक्ट 40 एकड़ में फैला है, जिसमें से 26 एकड़ में एक तालाब बनाया गया, जहां बाढ़ के पानी का संचय होता है, जिसका उपयोग दिल्ली में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। पल्ला फ्लड प्लेन प्रोजेक्ट के तहत 26 एकड़ में फैले तालाब के साल 2022-23 में 740 मिलियन गैलन ग्राउंड वाटर रिचार्ज हुआ है।
उन्होंने साझा किया कि, राजधानी से गुजरने वाली यमुना नदी में मॉनसून के दौरान लगभग हर साल बाढ़ आती है, जिसमें करोड़ों लीटर पानी यमुना से होते हुए बह जाता था। ऐसे में केजरीवाल सरकार ने चार साल पहले मानसून के मौसम में नदी से गुजरने वाले इस अतिरिक्त बाढ़ के पानी को इकट्ठा करने के लिए यमुना नदी के पास मौजूद बाढ़ के मैदान में पर्यावरण के अनुकूल पल्ला प्रोजेक्ट कि शुरुआत की थी। इसके तहत 26 एकड़ का एक तालाब बनाया गया, जहां बाढ़ के पानी का संचय होता है। इसका इस्तेमाल राजधानी में भूजल को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
भूजल स्तर में बढ़ोतरी की मात्रा का पता लगाने के लिए 33 पीजोमीटर भी लगाए गए हैं। पल्ला फ्लड प्लेन परियोजना का मुख्य उद्देश्य बाढ़ के पानी का संचय करना है, ताकि साल भर इस संचित किए गए पानी का इस्तेमाल भूजल स्तर को बेहतर बनाने के लिए किया जा सके। इस परियोजना के सफल नतीजे देखने को मिले हैं, जिससे साबित होता है कि इस परियोजना से ग्राउंड वाटर तेजी से रिचार्ज हो रहा है।
जल मंत्री आतिशी ने कहा कि, यह प्रोजेक्ट सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश के सूखाग्रस्त और पानी की किल्लत झेल रहे राज्यों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण साबित होगा।

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