International: उपराष्ट्रपति ने कहा, ”शांति कोई विकल्प नहीं है। यही एकमात्र रास्ता है”
The Vice President said, “Peace is not an option. This is the only way"
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज बहुआयामी दृष्टिकोण, विचार, आग्रह, आउटरीच, प्रेरणा और संवाद के संयोजन के साथ-साथ सतर्कता व सजगता के बल पर शांति स्थापित करने तथा उसे कायम रखने के सर्वोपरि महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी कहा कि “युद्ध के लिए तैयार रहना शांति का मार्ग है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि एक राष्ट्र की शक्ति उसकी प्रभावशाली रक्षा और सुरक्षा है। उन्होंने सुरक्षा माहौल को बढ़ाने में अभिन्न घटकों के रूप में देश के सॉफ्ट-पावर और आर्थिक ताकत का उपयोग करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। एआई, रोबोटिक्स, क्वांटम, सेमी-कंडक्टर, बायो-टेक, ड्रोन और हाइपरसोनिक्स जैसी गहरी प्रौद्योगिकियों के उद्भव पर प्रकाश डालते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन सबने युद्ध के प्रारूप को फिर से आकार दिया है। उन्होंने कहा, “इन क्षेत्रों की शक्ति और महारत भविष्य की रणनीतिक क्षमता व कमजोरी को तय करेगी।” नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में चाणक्य डिफेंस डायलॉग-2023 को संबोधित करते हुए, श्री धनखड़ ने वैश्विक सुरक्षा और शांति के लिए समकालीन चुनौतियों का विश्लेषण करने के लिए इस विचार मंच की अवधारणा के लिए सेना को बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सीडीडी दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत में सुरक्षा जटिलताओं के गहन विश्लेषण के लिए एक उपयुक्त मंच बन जाएगा, जो अंततः क्षेत्र में सामूहिक सुरक्षा समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगा। भारत को कुछ उत्कृष्ट रणनीतिक मेधा और आध्यात्मिक विचारकों की ‘कर्मभूमि’ के रूप में संदर्भित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को हजारों वर्षों के सभ्यतागत लोकाचार का अनूठा उपहार प्राप्त है। आचार्य चाणक्य के ज्ञान के अनुरूप, जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा और शस्त्र और शास्त्र के माध्यम से अपनी संस्कृति का पोषण करने के महत्व पर जोर दिया था, उनका उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे आधुनिक संदर्भ में इन शब्दों की स्थायी प्रासंगिकता है तथा “प्रासंगिक होने की शक्ति और उचित वैश्विक व्यवस्था को सुरक्षित करने के लिए” यह जरूरी है।