Delhi: बह्नकुमारी परिवार के ओर से राष्ट्रपति भवन में “सबका मालिक एक” कार्यक्रम

“Sabka Malik Ek” program at Rashtrapati Bhavan on behalf of sister Kumari family

राष्ट्रपति भवन में बह्नकुमारी परिवार के ओर से आयोजित सर्वधर्म कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अहिंसा विश्व भारती व विश्व शांति केन्द्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेशजी ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम् की विचारधारा सबको आपस में जोड़ती है, भातृत्व भाव पैदा करती है। इसको अपनाने से इज़्रायल-फिलिस्तिन, युक्रेन-रूस जैसे युद्धों का भी समाधान हो सकता है। उन्होनें कहा – इसी तर्ज पर आधारित अनेकता में एकता हमारे देश की मौलिक विशेषता है। बहुलतावादी संस्कृति उसकी खूबी है। सर्वधर्म सद्भाव उसका मूल मंत्र है।उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर हिंसा और असहिष्णुता विश्व के सामने बड़ी चुनौती है।

ब्रह्मकुमारी बहिन जयन्ती ने कहा कि “सबका मालिक एक’’, इसे सभी धर्मों में समान रूप से स्वीकारा गया है। कोई इसे गॉड, कोई ईश्वर, कोई अल्लाह, कोई परमपिता, कोई परमेश्वर, तो कोई भगवान के रूप में संबोधित करता है।

सिक्ख धर्म की ओर से अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इक़बाल सिंह जी ने कहा कि धर्म हमें जोड़ना सिखाता है, तोड़ना नहीं। धर्म के क्षेत्र में हिंसा, घृणा, भय और नफरत का कोई स्थान हो नहीं सकता।

हिन्दू धर्म की ओर से महामण्डलेश्वर स्वामी धर्मदेवजी ने कहा कि भारतीय संस्कृति सर्वे भवंतु सुखिन: में विश्वास करती हैं यहीं भाव सारी दुनिया को जोड़ने की ताक़त रखता है।

बौद्ध भिक्षु संघसेना जी ने कहा कि हम सभी उसी एक मालिक की बगिया के फूल हैं जो अलग अलग रंग और खुशबु से परिपूर्ण हैं और ये विविधता उस बगीचे को और खूबसूरत बनाती है।

यहुदी धर्म की ओर से आइजक मालेकर ने कहा कि “सबका मालिक एक है’’, हम अपने अस्तित्व की तरह दूसरे के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं,अपने विचार की तरह दूसरों के विचारों का आदर करते हैं ये भाव सामाजिक समरसता को बढाने का सशक्त माध्यम है।

इस्लाम धर्म की ओर से सलीम इंजीनियर, ईसाई धर्म की ओर से जेसी परमपिल, बहाई धर्म की ओर से ए के मर्चेंट, रामाकृष्ण मिशन की ओर से स्वामी सर्वालोकानन्दजी, आस्ट्रेलिया से बीके चार्लेस हंग ने अपने विचार व्यक्त किए।
ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने स्वागत भाषण दिया। ब्रह्माकुमारी हुसैन दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया। पण्डित ब्रजेश मिश्रा के गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

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