Gaziabad: परहित धर्म और परपीड़ा अधर्म है-आचार्य जितेन्द्र
Altruistic religion and sadism are unrighteous - Acharya Jitendra

मुख्य अतिथि के रूप में पधारे योगी प्रवीण आर्य (प्रांतीय महामंत्री केंद्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश) ने समापन सत्र में नियमित योगाभ्यास करने से होने वाले लाभों की चर्चा की तथा ईश्वर भक्ति के भजन के साथ सभी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को आशीर्वाद प्रदान किया।उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पूरे प्रदेश में संस्कृत संभाषण,पुरोहित प्रशिक्षण, वास्तु एवं ज्योतिष प्रशिक्षण आदि अनेक कार्यक्रमों का संचालन करता है जिससे भारत की प्राचीन परंपरा का प्रचार प्रसार तथा रक्षण होता रहे।
आचार्य जितेन्द्र ने 16 संस्कारों की महत्ता पर विस्तृत चर्चा की तथा बताया की परहित धर्म और परपीड़ा अधर्म है।इसलिए धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।तभी कल्याण सम्भव होगा।
शांति पाठ एवं प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।