Sikkim’s Herbal

  • स्वास्थ्य

    Ayurveda: सिक्किम के हर्बल ज्ञान को होम्योपैथिक अभ्यास के साथ एकीकृत करना: लोककथा सर्वेक्षण से अनुभव’ पर सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम

    केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के अधीनस्थ होम्योपैथी क्लिनिकल रिसर्च यूनिट ने आज गंगटोक के काजी रोड स्थित द फर्न डेनजोंग होटल में सिक्किम के हर्बल ज्ञान की समृद्ध विरासत को होम्योपैथी के सिद्धांतों के साथ एकीकृत करने पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सिक्किम के स्वास्थ्य मंत्री श्री जी.टी. धुंगेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, साथ ही सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक भी मौजूद थे। सिक्किम सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन के प्रधान निदेशक–सह–मिशन निदेशक डॉ. पेमा सेडेन लेप्चा और सिक्किम हिमालयन क्षेत्रीय केंद्र, गंगटोक के भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के वैज्ञानिक–ई और कार्यालय प्रमुख डॉ. राजीब गोगोई इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।सीएमई ने सिक्किम में औषधीय पौधों से जुड़े पारंपरिक ज्ञान और प्रथाओं की खोज करते हुए एक व्यापक लोककथा सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर गहराई से विचार किया। इसका उद्देश्य प्राचीन उपचारों और होम्योपैथी के सिद्धांतों के बीच संभावित तालमेल की पहचान करना था। दोनों विधाओं के श्रेष्ठ तत्वों को मिलाकर, आयोजकों ने मानवता के कल्याण के लिए एक समग्र स्वास्थ्य सेवा दृष्टिकोण की परिकल्पना की।

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