Bhagwant Maan ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ गुरुद्वारा सीस गंज साहिब में अरदास की

नयी दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनके मंत्रिपरिषद के सहयोगियों ने शनिवार को यहां गुरुद्वारा सीस गंज साहिब में अरदास करने के बाद गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों की शुरुआत की।
कैबिनेट मंत्री, अमन अरोड़ा, हरजोत सिंह बैंस, हरभजन सिंह ईटीओ, तरुणप्रीत सिंह सोंध, गुरमीत सिंह खुडियां, बरिंदर कुमार गोयल, हरदीप सिंह मुंडियां और डॉ. बलबीर सिंह , लोकसभा सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी, विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल, पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के सलाहकार दीपक बाली और अन्य लोग हिंद दी चादर के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की शुरुआत करने के लिए अरदास करने में लोगों के साथ शामिल हुए।
मंत्री, अधिकारी संगत के साथ लाल किले से नंगे पांव गुरुद्वारा सीस गंज साहिब में माथा टेकने आये। उन्होंने भाई मति दास जी, भाई सती दास जी और भाई दयाला जी के पवित्र शहीदी स्थलों पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने गुरु की भक्ति में अद्वितीय बलिदान दिये। मंत्रियों ने लोगों से गुरु जी के प्रेम, धर्मनिरपेक्षता, धार्मिक सहिष्णुता, आस्था की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सार्वभौमिक संदेश का अनुसरण करने का आह्वान किया।

उन्होंने इसे मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गुरु साहिब के सर्वोच्च बलिदान के संदेश को फैलाने का अवसर बताया और कहा कि नौवें गुरु साहिब का जीवन और दर्शन दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस भव्य समारोह को भव्य रूप से मनाने के लिए व्यापक प्रबंध किये हैं। मंत्रियों ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब ने धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देकर दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की। उन्होंने लोगों से गुरु साहिब द्वारा प्रचारित मानवता की सच्ची परंपरा के अनुसार धर्म के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने मानव अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दिल्ली में अपने प्राणों की आहुति दी, जो विश्व इतिहास में बेमिसाल बलिदान है।
मंत्रियों ने कहा कि नौवें सिख गुरु, धर्मनिरपेक्षता, एकता और विश्व बंधुत्व के सच्चे प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का जीवन और दर्शन समस्त मानवता के लिए प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करता रहेगा। आज से शुरू होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला 25 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि एक से 18 नवंबर तक पंजाब के सभी जिलों में प्रकाश और ध्वनि शो आयोजित किए जाएँगे, जिनमें गुरु तेग बहादुर के महान जीवन और शिक्षाओं को दर्शाया जायेगा।
मंत्रियों ने बताया कि गुरु की उपस्थिति से धन्य शहरों और कस्बों में कीर्तन दरबार भी आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों का मुख्य उद्देश्य लोगों को गुरु के दर्शन, उनके बलिदानी जीवन और शांति एवं मानवता के शाश्वत संदेश से अवगत कराना है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करता है। उन्होंने बताया कि 18 नवंबर को श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) में एक कीर्तन दरबार आयोजित किया जायेगा और अगले दिन, 19 नवंबर को श्रीनगर से एक नगर कीर्तन शुरू होगा, जिसमें कश्मीरी पंडित भी शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि यह नगर कीर्तन 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगा। मंत्रियों ने बताया कि इसके साथ ही 20 नवंबर को तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो), फरीदकोट और गुरदासपुर से तीन नगर कीर्तन शुरू होंगे और 22 नवंबर को सभी नगर कीर्तन श्री आनंदपुर साहिब में एक साथ संपन्न होंगे। उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए पंजाब सरकार 23 से 25 नवंबर तक श्री आनंदपुर साहिब में बड़े समागम आयोजित करेगी। उन्होंने बताया कि इस यादगारी अवसर पर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए “चक्क नानकी” नाम से एक विशेष टेंट सिटी स्थापित की जायेगी।
गुरु जी के सद्भाव और सार्वभौमिक आस्था के संदेश का प्रतीक एक सर्व-धर्म सम्मेलन भी आयोजित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पवित्र नगरी में गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डालने वाली एक विशेष प्रदर्शनी और ड्रोन शो भी आयोजित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 24 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को समर्पित पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा, जहां प्रमुख हस्तियां गुरु साहिब के दर्शन, मानवाधिकारों के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान और धार्मिक स्वतंत्रता के संरक्षण पर अपने विचार साझा करेंगी। कैबिनेट मंत्रियों ने बताया कि 25 नवंबर को राज्यव्यापी रक्तदान शिविर लगाये जायेंगे और साथ ही वन विभाग द्वारा ‘सरबत दा भला इक्तारता’ (सभी के कल्याण के लिए एकता) थीम पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इस पवित्र 350वें शहीदी स्मरणोत्सव के लिए दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और संतों से परामर्श किया गया है और उन्होंने अपना आशीर्वाद और बहुमूल्य सुझाव दिये हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में, पंजाब सरकार अपने कार्यकाल के दौरान इन ऐतिहासिक स्मरणोत्सवों के आयोजन का गौरव प्राप्त करने पर गर्व महसूस करती है। उन्होंने देश-विदेश के श्रद्धालुओं और सिख संगत से इन आयोजनों में पूरे मन से भाग लेने की अपील की।

 

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