हरियाणा कैबिनेट ने आढ़तियों को प्रदान की बड़ी राहत
चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा वन्य जीव (संरक्षण) नियम, 2024 को मंजूरी दी गई। नए नियमों के तहत वन्यजीव विभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार के परमिट प्राप्त करने के लिए मानदंड स्थापित किए गए हैं। हरियाणा वन्यजीव (संरक्षण) नियम, 1974 को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत निरस्त कर दिया गया है, और हरियाणा वन्यजीव (संरक्षण) नियम, 2024 को हरियाणा सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया। हरियाणा वन्यजीव (संरक्षण) नियम, 2024 के तहत वन्यजीव विभाग से परमिट और अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया के संबंध में जनता के लिए दिशा-निर्देश और प्रक्रियाएं तैयार की गई हैं।
ये नियम वन्यजीव शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान या वैज्ञानिक प्रबंधन से संबंधित परमिट देने के लिए विस्तृत प्रक्रिया और निर्धारित प्रारूप प्रदान करते हैं। वे विशेष उद्देश्यों के लिए निर्दिष्ट पौधों के संरक्षण के लिए परमिट देने की प्रक्रियाओं और प्रारूपों को भी रेखांकित करते हैं। इसके अलावा, इन नियमों के तहत, अभयारण्यों की सीमाओं के भीतर भूमि पर सर्वेक्षण या जांच करने के लिए लोगों के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया और निर्धारित प्रारूप भी बनाया गया है। इन नियमों में हथियार रखने वाले व्यक्तियों की पंजीकरण प्रक्रिया के लिए भी प्रावधान हैं।
इसके अतिरिक्त, ये नए नियम वन्यजीव जानवरों, लेखों और ट्राफियों के व्यापार या वाणिज्य के लिए विस्तृत प्रक्रियाओं और निर्धारित प्रारूपों सहित पूरी प्रक्रिया को परिभाषित करते हैं। ये नियम कानून के तहत अपराधों का संज्ञान लेने के लिए शक्तियों और प्रक्रियाओं को भी परिभाषित करते हैं, साथ ही इसके लिए निर्धारित प्रारूप भी बनाते हैं।
हरियाणा सरकार ने आढ़तियों को बड़ी राहत देते हुए रबी खरीद सीजन 2024-25 में नमी के कारण तोल में हुई कमी के नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें प्रतिपूर्ति राशि प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए राज्य सरकार कुल 3,09,95,541 रुपये की राशि वहन करेगी। यह निर्णय यहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। कुल राशि में से 77,22,010 रुपये खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा वहन किए जाएंगे, जबकि 1,71,16,926 रुपये की राशि हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) द्वारा वहन की जाएगी तथा 61,56,605 रुपये हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्ल्यूसी) द्वारा वहन किए जाएंगे।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा विलेज कॉमन लैंड (रेगुलेशन) एक्ट, 1961 में संशोधन को प्रदान की स्वीकृति
संशोधन के तहत, पंजाब विलेज कॉमन लैंड (रेगुलेशन) नियम, 1964 के लागू होने से पहले हरियाणा भूमि उपयोग अधिनियम, 1949 के तहत कलेक्टर द्वारा 20 वर्षों के लिए पट्टे पर दी गई शामिलात देह में भूमि अब शामिलात देह से होगी बाहर
ग्राम पंचायत अनधिकृत रूप से निर्मित मकानों के कब्जे वाली 500 वर्ग गज तक की भूमि को बाजार मूल्य से कम मूल्य पर नहीं बेच सकती थी
अब अनुमोदन राज्य सरकार के बजाय निदेशक पंचायत द्वारा प्रदान किया जाएगा
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा विलेज कॉमन लैंड (रेगुलेशन) एक्ट, 1961 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार अधिनियम संख्या 19/2024 के माध्यम से, शामिलात देह में स्थित भूमि, जो कि पंजाब विलेज कॉमन लैंड (रेगुलेशन) नियम, 1964 के लागू होने से पहले कलेक्टर द्वारा हरियाणा भूमि उपयोग अधिनियम, 1949 के तहत 20 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर दी गई थी, को शामिलात देह के दायरे से बाहर कर दिया गया है। परिणामस्वरूप, ऐसी भूमि को पट्टे पर देने से संबंधित प्रावधान को हटाने की मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, अधिनियम के तहत पहले यह कहा गया था कि ग्राम पंचायत अनधिकृत रूप से निर्मित मकानों द्वारा कब्जा की गई 500 वर्ग गज तक की भूमि को बाजार मूल्य से कम पर नहीं बेच सकती है। इसके अलावा, पहले ऐसे मामलों में अनुमोदन का अधिकार राज्य सरकार के पास था, अब यह निर्णय लिया गया है कि इस संबंध में अनुमोदन राज्य सरकार के बजाय निदेशक पंचायत द्वारा प्रदान किया जाएगा।