National: संस्थान के 100 साल पूरे होने पर यहां पायलट संयत्र की सुविधा की व्यवस्था की जायेगी : शिवराज सिंह चौहान
On completion of 100 years of the institute, facility of pilot plant will be arranged here: Shivraj Singh Chouhan
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) के केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान में शताब्दी समारोह को संबोधित किया। श्री शिवराज सिंह चौहान ने 100 साल पूरे होने पर आप सभी को शुभकामनायें। उन्होंने कहा कि 100 साल पहले 1924 में जब ये प्रयोगशाला लैब बनी थी जब शायद यही उदेश्य होगा कि कपास से अधिकत्तम लाभ कैसे कमायें। उस समय उनके अपने लक्ष्य व उद्देश्य होंगे लेकिन आज हमारा लक्ष्य है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का निर्माण करना। वैभवशाली, सम्पन्न, समृद्व भारत का निर्माण किसान के बिना नहीं हो सकता है। आज भी कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। मंत्री होने के नाते किसान की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है। इस संस्थान के माध्यम से विभिन्न आयाम पूरे करने हैं। शिवराज सिंह चौहान ने उन्होंने कहा कि इस संस्थान में अभी जो ज़रूरी है वह है कपास की चुड़ाई का मशीनीकरण, भारत में कपास की खेती की स्थिरता बढ़ाने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सिरकॉट) एकमात्र संस्थान है जो कि यांत्रिक रूप से चुनी गई कपास के प्रसंस्करण के लिए काम कर रहा है। यांत्रिक रूप से काटी गई कपास के प्रसंस्करण के लिए संयंत्र और मशीनरी को अनूकूलित करने की ज़रूरत है। इसके लिए संस्थान के 100 साल पूरे होने पर यहां पायलट संयत्र की सुविधा की व्यवस्था की जायेगी। कपास जिनोम का अंतरराष्ट्रीय केंद्र यह कैसे बने इसके लिए भी आवश्यक व्यवस्थायें की जायेंगी। कपास कॉटन में ट्रेसिबिलिटी सिस्टम विकसित करना बहुत ज़रूरी है। भारतीय कपास के निर्यात के लिए भी ट्रेसिबिलिटी की नई तकनीक विकसित करने के लिए सभी आवश्यक सुविधायें यहां विकसित की जायेंगी। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किसान के लिए भी हैं।