Defence: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सेना कमांडरों के सम्मेलन में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को संबोधित किया

Raksha Mantri Shri Rajnath Singh addresses senior military officers at the Army Commanders' Conference

सेना कमांडरों का वर्ष 2024 का दूसरा सम्मेलन  गंगटोक के एक अग्रिम सैन्य स्थान पर अलग-अलग (हाइब्रिड) प्रारूप में शुरू हुआ। अग्रिम सैन्य स्थान पर वरिष्ठ कमांडरों के सम्मेलन का आयोजन जमीनी स्तर की वास्तविकताओं पर भारतीय सेना के ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित करता है। इस दौरान, भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों में स्थिति और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के समकक्ष चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया। सम्मेलन में सैन्य संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सम्मेलन के दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा भारतीय सेना के वरिष्ठ कमांडरों को दिया गया संबोधन था, जिससे पहले “क्षेत्र में सुरक्षा गतिशीलता: चुनौतियां और इससे निपटने के उपायों” पर एक संक्षिप्त चर्चा हुई। गंगटोक में खराब मौसम के कारण माननीय रक्षा मंत्री ने सुकूना में सैन्य प्रतिष्ठान से वर्चुअल मोड में अपना संबोधन दिया।

रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना में पूरे देश के विश्वास को दोहराया और कहा कि यह देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरणादायक संगठनों में से एक है। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा किसी भी समय नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने में सेना द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। माननीय रक्षा मंत्री ने देश सेवा में प्रत्येक सैनिक के योगदान की सराहना की और राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सेना कमांडर सम्मेलन में हिस्सा लेने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और राष्ट्र तथा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘रक्षा और सुरक्षा’ दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए सैन्य नेतृत्व की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह पिछले 5 वर्षों से सेना कमांडर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि यह शीर्ष सैन्य नेतृत्व न केवल सशस्त्र बलों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी फायदेमंद हैं। उन्होंने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के समावेश और इसके प्रति अनुकूलन पर भारतीय सेना के दृष्टिकोण की भी सराहना की।

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