Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर इंडिपेंडेंस एंड पार्टीशन स्टडीज का ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित

Orientation program of Center for Independence and Partition Studies organized at Delhi University

प्रो. रवि प्रकाश टेकचंदानी ने कहा कि विभाजन का संबंध केवल 1947 से ही नहीं है, इसकी जड़ें इतिहास में सैकड़ों वर्ष पीछे दिखाई पड़ती हैं। प्रो. रवि प्रकाश टेकचंदानी दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थापित सेंटर फॉर इंडिपेंडेंस एंड पार्टीशन स्टडीज (सीआईपीएस) के ओरिएंटेशन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस सेंटर का उद्देश्य स्वाधीनता और विभाजन की त्रासदी से संबंधित अनेक आयामों पर गहन शोध करना है। उन्होंने कहा कि जब हम विभाजन पर दृष्टि डालते हैं तो अनेक विषयों पर ध्यान जाता है और विभाजन के प्रभावों को देख पाते हैं; वो प्रभाव सामाजिक,राजनीतिक,आर्थिक, सांस्कृतिक और दूसरे अनेक विमर्शों से जुड़े हुए हैं।

कार्यक्रम के आरंभ में सेंटर के निदेशक प्रो. रवींद्र कुमार ने अपने संबोधन में सेंटर फॉर इंडिपेंडेंस एंड पार्टीशन स्टडीज में अलग-अलग विषय विशेषज्ञों के सहयोग के लिए आग्रह किया। उन्होंने सैंटर को स्थापित करने का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह और दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह की कोशिशों और दूरदर्शिता के कारण ही संभव हो सका है ।

इस अवसर पर प्रो. अमृत कौर बसरा ने भी विभाजन, विस्थापन और इससे होने वाली त्रासदी से संबंधित अनेक अनुभवों को साझा किया। उन्होंने अनेक भाषाओं में लिखित इन विषयों से जुड़ी विषय सामग्री की जानकारी भी सभी से साझा की। उन्होंने कहा इन अनेक विषयों पर शोध पूर्ण अध्ययन के लिए साक्षात्कार, सेमिनार, समूह चर्चा आदि के माध्यम से महत्वपूर्ण विषय सामग्री एकत्रित करनी होगी, जिसे व्यवस्थित ढंग से सेंटर के माध्यम से संकलित करके भविष्य में सभी के समक्ष साझा किया जाएगा।

ओरिएंटेशन कार्यक्रम के अंत में सेंटर की संयुक्त निदेशक प्रो. ज्योति त्रेहन शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर सेंटर के निदेशक प्रो. रवींद्र कुमार, संयुक्त निदेशक प्रो. ज्योति त्रेहन शर्मा, डीयू कल्चर काउंसिल के ज्वाइंट डीन प्रो. हेमंत वर्मा, गवर्निंग बॉडी की सदस्य वरिष्ठ प्रोफ़ेसर अमृत कौर बसरा, विभिन्न कॉलेज के प्रिंसिपल और प्राध्यापकों ने कार्यक्रम में सहभागिता की और अपने-अपने विचार रखे।

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