Delhi: इस साल यमुना का पानी दिल्ली में नहीं करेगा प्रवेश
This year Yamuna water will not enter Delhi
नई दिल्ली, 11 जुलाई (वेब वार्ता)। दिल्ली-एनसीआर में मानसून अपनी दस्तक दे चुका है और मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों तक तेज बारिश की संभावना है। मानसून की पहली ही बारिश में दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति देखने को मिली थी। अब यमुना का जलस्तर अगर बढ़ता है तो पिछले साल की तरह ही बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। इसीलिए आईटीओ के पास पिछले साल आई बाढ़ के दौरान रेगुलेटर नंबर 12 जो टूट गया था, उसे दिल्ली सरकार ने फिर से बनवा दिया है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज का दावा है कि अब शहर में पानी नहीं प्रवेश करेगा। सौरभ भारद्वाज गुरुवार को अधिकारियों के साथ नए बने रेगुलेटर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास रेगुलेटर नंबर 12, जो पिछले साल यमुना में आई बाढ़ के दौरान टूट गया था, इसे नया बना दिया गया है।
गुरुवार को बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ इसका निरीक्षण सौरभ भारद्वाज ने किया। उन्होंने जानकारी दी कि यहां 32 एचएसपी के 3 नये पम्प लगाए गए हैं। 5 मीटर चौड़ी पत्थरों का एक तटबंध बनाया गया है। ये सभी काम यमुना का जलस्तर बढ़ने से पहले ही कर लिए गए हैं। सौरभ भारद्वाज ने उम्मीद जताई है कि इस साल यमुना का पानी शहर में प्रवेश नहीं करेगा। बीते साल आई जबरदस्त बाढ़ में इंद्रप्रस्थ बस डिपो और डब्लूएचओ बिल्डिंग के बीच में एक नाले पर लगा रेगुलेटर टूट गया था। नाले पर लगे रेगुलेटर के टूट जाने से नाले का पानी बैक फ्लो हो रहा था। अगर यह ठीक नहीं होता तो इसके जरिए पानी सुप्रीम कोर्ट के आसपास तक भी पहुंच सकता था। इस नाले को ड्रेन नंबर 12 के नाम से जाना जाता है और दिल्ली सरकार का इरीगेशन और फ्लड कंट्रोल विभाग इस पर नियंत्रण रखता है। बीते साल आई बाढ़ को रोकने के लिए इस पर एक टेंपरेरी बांध बनाने का प्रयास किया गया था और बड़ी मुश्किल से पानी को आईटीओ और अन्य इलाकों से आगे बढ़ने से रोका गया था। इस साल इस पर काम करते हुए दिल्ली सरकार ने 5 मीटर चौड़ी पत्थरों का एक तटबंध बनाया है जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि अगर आने वाले समय में यमुना का जलस्तर बढ़ता है और बहुत ज्यादा बारिश होती है तो भी नदी का पानी शहर में प्रवेश नहीं करेगा।