Noida : आईएमएस लॉ कॉलेज में इंट्रा ट्रायल एडवोकेसी प्रतियोगिता का आयोजन।

Intra Trial Advocacy Competition organized in IMS Law College.

नोएडा। आईएमएस लॉ कॉलेज नोएडा में इंट्रा ट्रायल एडवोकेसी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। संस्थान परिसर में आयोजन इस दो दिवसीय प्रतिस्पर्धा में संस्थान के 9 टीमों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया। वहीं कार्यक्रम के पहले दिन सोमवार को छात्रों के लिए सेमी फाइनल एवं मंगलवार को प्रतियोगिता का फाइनल राउंड का आयोजन हुआ। संस्थान द्वारा आयोजित इंट्रा ट्रायल एडवोकेसी प्रतियोगिता का शुभारंभ आईएमएस के महानिदेशक प्रो.(डॉ.) विकास धवन, डीन डॉ. नीलम सक्सेना एवं स्कूल ऑफ लॉ के विभागाध्यक्ष डॉ. भाविश गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया।

आईएमएस के महानिदेशक प्रो.(डॉ.) विकास धवन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इंट्रा ट्रायल एडवोकेसी प्रतियोगिता केवल एक कार्यक्रम नहीं वरन यह कानूनी प्रतिभा, कानूनी दांव-पेच एवं विद्वतापूर्ण उत्कृष्टता का उत्सव है। वहीं आईएमएस लॉ कॉलेज कि विभागाध्यक्ष डॉ. भाविश गुप्ता ने बताया कि इस इंट्रा-ट्रायल एडवोकेसी प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक संचालन में डॉ. सलीम खान के साथ प्रो. सूर्यदेव सिंह का विशेष योगदान रहा। वहीं दो दिवसीय कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉ. अंजुम हसन, प्रो. आलोकिका सिंह, प्रो. आनंदिता गौड़, प्रो. व्यास कुमार यादव, डॉ. शुधाकरन, प्रो. श्रुति श्रीवास्तव, प्रो. अर्चना सिंह, प्रो. पुष्पेंद्र अनुरागी, डॉ. सचिन गोयल, प्रो. आदर्श वर्मा एवं प्रो. संतोष सती ने निष्पक्ष होकर परीक्षण कार्यवाही में अपना योगदान दिया।

इंट्रा ट्रायल एडवोकेसी प्रतियोगिता के संयोजन डॉ. सलीम खान ने बताया कि इस दो दिवसीय प्रतिस्पर्धा में कुल 9 टीमों ने हिस्सा लिया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। जिसमें विशाखा और सिद्धार्थ, रमित और अपूर्वा, हिमाद्रि और जयन्ती, अदिति और स्नेहा शुक्ला की टीम नॉकआउट राउंड के लिए क्वालीफाई हुईं। वहीं मंगलवार को दिलचस्प सेमीफाइनल राउंड में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने अपना कानूनी कौशल प्रदर्शित किया। सेमीफाइनल के बाद, ग्रैंड फिनाले शुरू हुआ, जहां फाइनलिस्टों ने अपनी कानूनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन करते हुए प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का समापन परिणामों की घोषणा के साथ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के एओआर अधिवक्ता कौसर राजा फरीदी एवं अधिवक्ता दुष्यंत पराशर ने इस अवसर को अपने शब्दों के साथ व्यावहारिक और प्रेरक भाषण से छात्रों को मंत्रमुग्ध किया।

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