Crime: साइबर ठगों के विरुद्ध पुलिस का दो दिवसीय अभियान : कुल 28 एफआईआर दर्ज कर 240 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया

Police's two-day campaign against cyber thugs: total 28 FIRs 240 criminals were registered and arrested

गत दिनों साइबर क्राईम के गढ़ जामताडा के साथ-साथ मेवात क्षेत्र में होने तथा साइबर अपराधियों की दिनों-दिन बढती हुई गतिविधियों
को मद्देनजर महानिदेशक पुलिस श्री यू आर साहू के निर्देशानुसार साइबर अपराध शाखा व महानिरीक्षक पुलिस रेंज एवं जिला पुलिस द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर राज्य स्तर पर दबिश की कार्यवाही की गई। महानिदेशक साइबर क्राईम डॉ. रविप्रकाश मेहरडा ने बताया की पुलिस अधीक्षक, साइबर क्राईम श्री सुधीर चौधरी के निर्देशन में 14C नई दिल्ली से प्राप्त डेटा का विशलेषण कर टीम द्वारा दो माह तक सार्थक प्रयास कर विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्य किया गया। गत दिनो आयोजित पुलिस महानिदेशक – महानिरीक्षक क्रोन्फ्रेंस और साईबर हेथकोन 1.0 में विचारित किये गये बिन्दुओं के अनुपालना में कार्यवाही की गई । डीजी डॉ मेहरड़ा ने बताया कि इस कार्यवाही के दौरान राजस्थान पुलिस द्वारा सभी जिला पुलिस अधीक्षको द्वारा आपस में समन्वय बनाकर दबिश दी गई। जिसमें कुल करीब 475 संदिग्ध साइबर अपराधियों को दस्तयाब किया गया। इनसे पुलिस की विभिन्न साइबर क्राईम टीमों द्वारा पूछताछ की जा रही
है। साईबर अपराधियों के विरुद्ध राज्य में कुल 28 एफआईआर दर्ज कर 240 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया । (105 अपराधियों  को प्रकरणों में गिरफ्तार किया गया व 134 अपराधियों को निवारक कार्यवाही करते हुएगिरफ्तार किया गया) अपराधियों से 152 मोबाईल, 104 एटीएम कार्ड, 89 सिम कार्ड, 10 चैकबुक, 40 बैंक पासबुक, 01 मोटरसाईकिल, 06 लैपटॉप, 01 कार, व 4,85,000/- रुपये जब्त किये गये ।

डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया की संदिग्धों की जाँच में अन्य राज्यों की साइबर शाखा से समन्वय स्थापित कर, यहां पकडे गये  अपराधी, वांछित होने पर उन राज्यों को प्रोडक्शन वारन्ट पर सुपुर्द किये जायेगे तथा अन्य राज्यों में पकडे गये साइबर अपराधी राजस्थान में वांछित होने पर प्रोडक्शन वारन्ट पर लिये जायेगे। अतिरिक्त महानिदेशक क्राईम श्री दिनेश एम एन ने बताया कि साइबर ठगों के विरुद्ध जिलों में अविलम्ब एफआईआर दर्ज की जाकर क्राईम ब्रांच द्वारा इन प्रकरणों का निकटत्तम सुपरविजिन किया जाऐगा। साईबर अपराधियों के डोजियर खोलकर सख्त निगरानी की जायेगी। जाँच के दौरान संगठित गिरोह द्वारा अपराध का खुलासा होने पर सूचना एसओजी को दी जावेगी। राज्य में संचालित सिम बिक्री करने वाले (POS) द्वारा फर्जी तरीके से सिम विक्रय करने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। साइबर अपराध में बैंक कर्मियों की संलिप्तता पाये जाने पर ऐसे बैंक कर्मियों के विरुद्ध भी सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। संदिग्ध बैंक खातों एवं बैक कर्मचारीयों की मिलीभगत उजागर करने के लिए बैक के उच्च अधिकारीयों से मीटिंग कर समन्वय स्थापित किया गया है। डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि साईबर ठगो की प्रमुख कार्यप्रणाली
में टेलीग्राम जॉब धोखाधड़ी, टेलीग्राम कार्य आधारित प्रोत्साहन, फर्जी एस्कॉर्ट सेवा, सेक्सटॉर्शन, बाजार स्थानों पर चीजें बेचना, क्रिप्टोकरंसी आधारित मनी ट्रेडिंग, ग्राहक सेवा, सस्ते सामान के लिए नकली विज्ञापन, चीनी ऋण ऐप्स, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म आदि शामिल हैं, मुख्य रुप से उपयोग में लिए जा रहे है इसलिए तुरंत पैसे या सस्ते डिस्काउंट का लालच न करें। पुलिस टीम 1. समस्त जिला पुलिस अधीक्षक 2. श्री करण शर्मा पुलिस अधीक्षक सीआईडी 3. श्री सुमित मेहरडा आईपीएस 4. श्री अनिल राव अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साईबर क्राईम 5. श्री गजेन्द्र शर्मा पुलिस निरीक्षक साईबर क्राईम 6. श्री प्रदीप कुमार कानि० 276 साईबर क्राईम ओपरेशन व्रज प्रहार 1.0 के तहत राज्य में कार्यवाही निरन्तर जारी हैं। राज्य में साइबर अपराधियों के विरुद्ध अधिक प्रभावी कार्यवाही हेतु
साईबर क्राईम ब्रांच में विभिन्न एजेन्सियों में समन्वय हेतु विशेष कोर्डिनेशन की व्यवस्था की गई, जो विभिन्न एजेन्सियों को 24×7 डाटा का आदान-प्रदान करने का कार्य करेंगी । डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया की संदिग्धों की जाँच में अन्य राज्यों की साइबर शाखा से समन्वय स्थापित कर, यहां पकडे गये अपराधी, वांछित होने पर उन राज्यों को प्रोडक्शन वारन्ट पर सुपुर्द किये जायेगे तथा अन्य राज्यों में पकडे गये साइबर अपराधी राजस्थान में वांछित होने पर प्रोडक्शन वारन्ट पर लिये जायेगे। अतिरिक्त महानिदेशक क्राईम श्री दिनेश एम एन ने बताया कि साइबर ठगों के विरुद्ध जिलों में अविलम्ब एफआईआर दर्ज की जाकर क्राईम ब्रांच द्वारा इन प्रकरणों का निकटत्तम सुपरविजिन किया जाऐगा। साईबर अपराधियों के डोजियर खोलकर सख्त निगरानी की जायेगी।

जाँच के दौरान संगठित गिरोह द्वारा अपराध का खुलासा होने पर सूचना एसओजी को दी जावेगी। राज्य में संचालित सिम बिक्री करने वाले (POS) द्वारा फर्जी तरीके से सिम विक्रय करने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। साइबर अपराध में बैंक कर्मियों की संलिप्तता पाये जाने पर ऐसे  बैंक कर्मियों के विरुद्ध भी सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। संदिग्ध बैंक खातों एवं बैक कर्मचारीयों की मिलीभगत उजागर करने के लिए बैक के उच्च अधिकारीयों से मीटिंग कर समन्वय स्थापित किया गया है। डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि साईबर ठगो की  प्रमुख कार्यप्रणाली में टेलीग्राम जॉब धोखाधड़ी, टेलीग्राम कार्य आधारित प्रोत्साहन, फर्जी एस्कॉर्ट सेवा, सेक्सटॉर्शन, बाजार स्थानों पर चीजें बेचना, क्रिप्टोकरंसी आधारित मनी ट्रेडिंग, ग्राहक सेवा, सस्ते सामान के लिए नकली विज्ञापन, चीनी ऋण ऐप्स, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म आदि शामिल हैं, मुख्य रुप से उपयोग में लिए जा रहे है इसलिए तुरंत पैसे या सस्ते डिस्काउंट का लालच न करें। पुलिस टीम 1. समस्त जिला पुलिस अधीक्षक 2. श्री करण शर्मा पुलिस अधीक्षक सीआईडी 3. श्री सुमित मेहरडा आईपीएस 4. श्री अनिल राव अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साईबर क्राईम 5. श्री गजेन्द्र शर्मा पुलिस निरीक्षक साईबर क्राईम 6. श्री प्रदीप कुमार कानि० 276 साईबर क्राईम ओपरेशन व्रज प्रहार 1.0 के तहत राज्य में कार्यवाही निरन्तर जारी हैं। राज्य में साइबर अपराधियों के विरुद्ध अधिक प्रभावी कार्यवाही हेतु साईबर क्राईम ब्रांच में विभिन्न एजेन्सियों में समन्वय हेतु विशेष कोर्डिनेशन की व्यवस्था की गई, जो विभिन्न एजेन्सियों को 24×7 डाटा का आदान-प्रदान करने का कार्य करेंगी ।

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