Health: गंभीर स्वास्थ्य से पिडीत बच्चे को मिली नई जिंदगी
Child suffering from serious health condition gets new life

बता दे मीरा रोड में रहने वाली रितिका सिंह (बदला हुआ नाम) को गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की समस्या हुई थी। ७ महीने होने पर उनके योनि से रक्तस्राव होने लगा। गर्भधारण के २५ वें सप्ताह में उन्हें अस्पताल दाखिल किया गया। महिला की सेहत को देखकर मां और बच्चे को खतरा था। साथ ही इतनी जल्दी बच्चे को जन्म देना एक चुनौतीपूर्ण था क्योंकि बच्चा का पूरी तरह से विकास नही हुआ था। लेकिन दोनों की जान बचाने के लिए डॉक्टर को परिवार के सहमति से सी-सेक्शन किया।
वॉक्हार्ट अस्पताल के कंसल्टेंट नियोनेटोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीतू मूंदडा ने कहॉं की, प्रसव के बाद अब बच्चे की सेहत अच्छी हैं। उसके सभी अंग अच्छे तरह से काम कर रहे हैं। लेकिन बच्चे को रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (आरडीएस) की समस्या थी। जन्म के बाद उसे सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही थी।
डॉ. नीतू ने कहा, “बच्चे को एप्निया की समस्या का सामना करना पड़ा था। ऐसी स्थिति में गंभीर चुनौतियों के बावजूद डॉक्टरों के टीमने अत्याधुनिक उपचार करके बच्चे को नई जिंदगी दी हैं। लेकिन बच्चे को स्तनपान करना काफी कठिन हो रहा था। बच्चे को ३ महिने डॉक्टर के निगरानी में रखा गया था। बच्चे का वजन लगभग २ किलोग्राम होने के बाद उसे डिस्चार्ज दिया गया।
वॉक्हार्ट अस्पताल के केंद्र प्रमुख डॉ. पंकज धमीजा ने कहॉं की, समय से पहले जन्म हुए बच्चे को काफी समस्या का सामना करना पडता हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे को नई जिंदगी देने के लिए अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधा और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम कार्यरत हैं। वॉकहार्ट अस्पताल न केवल शिशुओं को बचा रहा है, बल्कि नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए हम प्रयास कर रहे हैं।
बच्चे की मां रितिका सिंह (बदला हुआ नाम) ने कहॉं की, प्रसव के दौरान बच्चे की स्वास्थ्य के लेकर हम काफी चिंतित थे। लेकिन वॉक्हार्ट अस्पताल के डॉक्टरों ने मेरी सुरक्षित प्रसूती की हैं। इतना ही नहीं बल्कि मेरे बच्चे को नई जिंदगी दी हैं। मेरे बच्चे की जान बचाने के लिए मै डॉक्टरों की आभारी हुं।