Mumbai: मीरा भायंदर शहर विकास के लिए हुई अहम बैठक हुई
Important meeting held for Mira Bhayandar city development
विनय महाजन मुंबई :- मीरा भायंदर शहर की विकास योजना को भविष्य की जरूरतों को पहचानकर अंतिम रूप दिया जाना चाहिए और मीरा भायंदर नगर प्रशासन जो आरक्षण सुझाता है या जो आरक्षण नगर निगम चाहता है उसे योजना में शामिल करके ही मीरा भायंदर की विकास योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार ने विकास योजना को लेकर विधायक प्रताप सरनाईक के सभी सुझावों और मांगों को मान लिया है. मंत्री उदय सामंत ने आज एक बैठक में निर्णय लिया कि यह विकास योजना नगरपालिका प्रशासन के अनुसार आरक्षण शामिल करने के बाद ही प्रकाशित की जाएगी।
आज नागपुर अधिवेशन में विधायक प्रताप सरनाईक की मांग के अनुसार मीरा भाईंदर की विकास योजना पर चर्चा के लिए मंत्री उदय सामंत के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई. करीब तीन घंटे तक बैठक चली. इसमें नगर विकास विभाग, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव असीम गुप्ता, मीरा भाईंदर कमिश्नर संजय काटकर, मीरा भाईंदर विधायक गीता जैन मौजूद रही।मीरा भायंदर शहर की बढ़ती आबादी और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सर्वसमावेशी विकास योजना कैसी होनी चाहिए, योजना में क्या आरक्षण की आवश्यकता है, इस पर विधायक सरनाईक ने अपनी राय व्यक्त की। उदय सामंत ने कहा कि राज्य सरकार ने विधायक सरनाईक और आज की बैठक में दिए गए सभी सुझावों को स्वीकार कर लिया है.
मंत्री सामंत ने कहा कि मनपा प्रशासन के सुझाव के अनुसार विकास योजना को मंजूरी दी जायेगी. बैठक के बाद बोलते हुए विधायक सरनाईक ने कहा कि यह शहर विकास योजना बिल्डरों की नहीं बल्कि नगर पालिका की है, इसलिए जनहित की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए ही अंतिम योजना प्रकाशित करने का निर्णय आज की बैठक में लिया गया है, जिसे नगर निगम प्रशासन करेगा।आज एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि एमएमआरडीए द्वारा बनाए गए मकान अगले एक महीने में नगर निगम को सौंप दिए जाएंगे।
बचे हुए विकास कार्यों को शुरू कराने के लिए मुख्यमंत्री अगले माह नगर निगम आयुक्त एवं सभी जन प्रतिनिधियों की बैठक लेंगे।
सरनाईक ने यह भी कहा कि नगर निगम के स्वामित्व वाली भूमि में नगर निगम आयुक्त यह बदलाव कर सकते हैं, इसलिए कैंसर अस्पताल के आरक्षण के मुद्दे पर आज ध्यान दिया गया है।
आज की बैठक में मंत्री ने नगर निगम को निर्देश दिये हैं कि जो बिल्डर नगर निगम को सुविधायुक्त प्लॉट नहीं सौंपेंगे या नगर निगम की योजना का फायदा उठाकर नगर निगम के साथ धोखाधड़ी करेंगे, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जाये।