Editorial: भ्रष्टाचार पर जबरदस्त वार – योजना, सरकार तुहाडे द्वार
Tremendous attack on corruption - Yojana, Government Tuhade Dwar

साथियों बात अगर हम दिनांक 10 दिसंबर 2023 को पंजाब में शुरू हुई योजना सरकार तुहाडे द्वार की करें तो योजना की शुरुआत करने के बाद यहां एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए दिल्ली के सीएम ने कहा कि यह न केवल पंजाब बल्कि देश के लिए भी एक ऐतिहासिक दिन है। आगे कहा,पंजाब में शुरू किया जा रहा काम किसी क्रांति से कम नहीं है। यह एक क्रांतिकारी कदम है। आपको दफ्तर जाने की जरूरत नहीं है। आपका काम घर बैठे ही हो जाएगाm उन्होंने कहा कि 43 सरकारी सेवाएं लोगों को उनके घरों तक मुहैया करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों को हेल्पलाइन नंबर 1076 पर संपर्क करना होगा। आगे कहा कि लोग अपनी सुविधा केअनुसार काम की जानकारी देकर सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, दिल्ली में उनकी सरकार ने 2018 में यह सेवा शुरू की थी। उन्होंने कहा कि शस्त्र लाइसेंस, आधार और स्टाम्प पेपर को छोड़कर लगभग सभी सरकारी सेवाएं इस योजना के दायरे में आती हैं। एक अन्य नेता ने कहा कि इस योजना के तहत लोगों को उनके घर 43 सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें जन्म, विवाह, मृत्यु, आय, आवास, जाति, ग्रामीण क्षेत्र, सीमावर्ती क्षेत्र पिछड़ा क्षेत्र, पेंशन, बिजली बिल भुगतान और भू सीमांकन प्रमाण पत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना बिचौलियों से भी मुक्ति दिलाएगी, समय और तारीख का निर्धारण हो जाने पर लोगों को एसएमएस (मोबाइल फोन पर संदेश) प्राप्त होंगे, जिसमें उन्हें जरूरीदस्तावेज एवं शुल्क की जानकारी दी जाएगी। नागरिक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना उन्हें बिचौलियों से भी मुक्ति दिलाएगी। पहले लोगों को सरकारी कार्यालयों में जाना पड़ता था और घंटों कतारों में खड़ा रहना पड़ता था उन्होंने कहा कि इस योजना से लोगों को बिचौलियों से भी मुक्ति मिलेगी।
साथियों बात अगर हम इन सेवाओं में चल रहे भ्रष्टाचार के प्रभाव की करें तो, भारत में भ्रष्टाचार एक ऐसा मुद्दा है जो केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय सरकारी संस्थानों कीअर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित करता है। भारत की अर्थव्यवस्था को ठप करने के लिए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया जाता है। 2005 में ट्रान्सपैरेंसी इंटरनेशनल द्वारा किए गए एक अध्ययन में दर्ज किया गया कि 62 प्रतिशत से अधिक भारतीयों ने किसी न किसी समय पर नौकरी पाने के लिए एक सार्वजनिक अधिकारी को उत्कोच दी थी। 2008 में, एक अन्य रिपोर्ट ने दिखाया कि लगभग 50 प्रतिशत भारतीयों को उत्कोच देने या सार्वजनिक कार्यालयों द्वारा सेवाओं को प्राप्त करने के लिए सम्पर्कों का उपयोग करने का प्रत्यक्ष अनुभव था।2022 में उनके भ्रष्टाचार बोध सूचकांक ने देश को 180 में से 85 वें स्थान पर रखा, इस पैमाने पर जहां सबसे कम रैंक वाले देशों को सबसे ईमानदार सार्वजनिक क्षेत्र माना जाता है। सरकारी समाज कल्याण योजनाओं से धन की हेराफेरी करने वाले अधिकारियों सहित भ्रष्टाचार में विभिन्न कारकों का योगदान है। उदाहरणों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान शामिल हैं। भ्रष्टाचार के अन्य क्षेत्रों में भारत का ट्रकिंग उद्योग शामिल है, जो अंतर्राज्यीय राजमार्गों पर कई नियामकों और पुलिस बन्धों को वार्षिक अरबों रुपये की उत्कोच देने के लिए मजबूर है। भारत में भ्रष्टाचार के कारणों में अत्यधिक नियम, जटिल कर और लाइसेंस प्रणाली, अपारदर्शी नौकरशाही और विवेकाधीन शक्तियों वाले कई सरकारी विभाग, कुछ वस्तुओं और सेवाओं के वितरण पर सरकार द्वारा नियंत्रित संस्थानों का एकाधिकार, और पारदर्शी कानूनों और प्रक्रियाओं की कमी शामिल हैं।भ्रष्टाचार के स्तर में और पूरे भारत में भ्रष्टाचार को कम करने के सरकार के प्रयासों में महत्वपूर्ण भिन्नताएँ हैं।
साथियों बात अगर हम भ्रष्टाचार को समझने की करें तो भ्रष्टाचार अर्थात भ्रष्ट + आचार। भ्रष्ट यानी बुरा या बिगड़ा हुआ तथा आचार का मतलब है आचरण। अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो।किसी को निर्णय लेने का अधिकार मिलता है तो वह एक या दूसरे पक्ष में निर्णय ले सकता है। यह उसका विवेकाधिकार है और एक सफल लोकतन्त्र का लक्षण भी है। परन्तु जब यह विवेकाधिकार वस्तुपरक न होकर दूसरे कारणों के आधार पर इस्तेमाल किया जाता है तब यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में आ जाता है अथवा इसे करने वाला व्यक्ति भ्रष्ट कहलाता है। किसी निर्णय को जब कोई शासकीय अधिकारी धन पर अथवा अन्य किसी लालच के कारण करता है तो वह भ्रष्टाचार कहलाता है। भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में हाल ही के वर्षों में जागरुकता बहुत बढ़ी है। जिसके कारण भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम -1988, सिटीजन चार्टर, सूचना का अधिकार अधिनियम – 2005, कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट आदि बनाने के लिये भारत सरकार बाध्य हुई है। अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कसौटियों की करें तो एक कसौटी भ्रष्टाचार की है। सरकार भ्रष्ट हो तो जनता की ऊर्जा भटक जाती है। देश की पूंजी का रिसाव हो जाता है। भ्रष्ट अधिकारी और नेता धन को स्विट्जरलैण्ड भेज देतेहैं।अभी हाल ही में हम देख रहे हैं कि एक पार्टी के संसद के यहां आयकर की रेड पड़ी है और सैकड़ो करोड़ धन बरामद हुआ है जिसकी गिनती चालू है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भ्रष्टाचार पर जबरदस्त वार – योजना, सरकार तुहाडे द्वार।सरकारी सेवाओं की होम डिलेवरी योजना सरकार तुहाडे द्वार, सभी राज्यों को लागू करना समय की मांग।भारत के हर जिले में भ्रष्टाचार पर जबरदस्त वार करने 43 सरकारी सेवाओं की होम डिलीवरी योजना पूरे भारत में लागू करना समय की मांग।