International: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो पावर का खेल- अमेरिका रूस दोनों के प्रस्ताव फेल

Game of veto power in UN Security Council - Proposals of both America and Russia failed

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर यह सर्वविदित है कि अमेरिका और रूस दोनों ही अपने आप कोविश्व का बादशाह के रूप में देखते हैं जो सदियों से चला रहा है,चाहे दोनों देशों में अब तक अनेकों राष्ट्रपति बदल गए हैं, पर हर सरकार के दौर में वर्चस्व की जंग जारी रहती है।मेरा मानना है कि शायद उन राजनीतिक पार्टियों के लिए एक राजनीतिक मजबूरी भी है परंतु यह दावेदारी, वर्चस्व की लड़ाई, कभी-कभी मानवता और मानवीय सुरक्षा, सहायता, संवेदनशीलता के लिए भारी पड़ जाती है, जिसका ताजा उदाहरण हम इसराइल-हमास जंग में देख रहे हैं कि कैसे दोनों देशों के नेतृत्व में वर्चस्व की लड़ाई से दुनिया तीन खेमों में बंट गई है जबकि मानवीय मानवता के दृष्टिकोण पर पूरे विश्व को एक होने की जरूरत है। हालांकि इसका उल्लेख अंतरराष्ट्रीय ट्रिटीयों, संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से पहले से ही है परंतु इसका पालन सख़्ती से नहीं किया जाता है। अगर हमास में पूरी मानवीय जरूरात्मरत की चीज़ें ध्वस्त हो चुकी है जो टीवी चैनलों पर ग्राउंड रिपोर्टिंग सारी दुनियां को देखकर पता चल रहा है। परंतु इस मुद्दे पर दिनांक 25 अक्टूबर 2023 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दुनियां तीन खेमों में बंटी होने के साफ संकेत मिले, वहीं कूटनीतिक संभावनाएं भी खारिज होते नजर आई जबकि हजारों बेगुनाह लोग मौत के मुंह में समा गए हैं जो क्रम अभी भी जारी है। अमेरिका और सहयोगी देशों ने रूस के प्रस्ताव पूर्ण युद्ध विराम को भी वीटो से खारिज कर दिया तो वहीं रूस चीन व साथियों ने अमेरिका के मानवीय विराम प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। जबकि युद्ध का दायरा विस्तृत होते जा रहा है। थल यानी जमीनी सी तैयार है और एक-दो दिनों में यह कार्रवाई करते हुए दिख रही है निर्दोष जनता जिसका उदाहरण हम अस्पताल पर बमबारी से 500 से अधिक व्यक्तियों के हताहत होने,रहवासी क्षेत्रों में मिसाइल, लाखों लोग विस्पतिक, विस्थापित होनें, मानवता के मूल्य में गिरावट जैसे अनेक संकेतों से हम कर सकते हैं अब जरूरत है पूरे विश्व को एक मत से दुनिया आज को तीसरे युद्ध के मुंह पर खड़ी युद्ध से बचाना हिंसा को रोकना है। चूंकि हिंसा के अनेक रूप हैं, दिनांक 26 अक्टूबर 2023 को अमेरिका में फिर से गोली से 19 नागरिकों के हताहत होने की जानकारी मिली तो वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति का बयान आया कि जी 20 में भारत मध्य एशिया आर्थिक गलियारा से चढ़कर हमास का हमला जैसी बातें सामने आ रही है इसलिए अब युद्ध बंद करने की सख्त जरूरत है, इसलिए आज हम मीडिया में मतलब जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, गाजा इजरायल में बमबारी, अमेरिका रूस दोनों ने वीटो की बाज़ी हारी, शह मात का खेल जारी।
साथियों बात अगर हम 25 अक्टूबर 2023 को यूएनएससी युद्ध विराम की सभा की करें तो, गाजा पट्टी में इजराइल की बमबारी के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में युद्ध विराम पर एक बार फिर सहमति नहीं बन पाई। बुधवार को हुई बैठक में अमेरिका और रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में दो अलग-अलग प्रस्ताव दिए, लेकिन दोनों खारिज हो गए। मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर रूस और चीन ने अमेरिका द्वारा तैयार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो कर दिया है। महासभा ने पहले ही गुरुवार को फिलिस्तीन पर 104 देशों के साथ एक आपातकालीन सत्र तय किया था औरफिलिस्तीन और यूरोपीय संघ ने बोलने के लिए बुधवार शाम तक हस्ताक्षर किए थे। (भारत वक्ताओं की सूची में नहीं था।इसमें युद्धविराम के लिए एक प्रस्ताव पारित होने की संभावना थी, जो केवल प्रतीकात्मक होगा, क्योंकि इसके पास परिषद के समान प्रवर्तन शक्तियां नहीं हैं।अमेरिकी स्थायी प्रतिनिधि ने मॉस्को पर बुरे विश्वास में कार्य करने और अंतिम क्षण में बिना परामर्श के कई समस्याग्रस्त वर्गों के साथ प्रस्ताव पेश करने का आरोप लगाया। गाज़ा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच जारी जंग पर अमेरिका द्वारा तैयार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर रूस और चीन ने बुधवार को वीटो कर दिया है. मसौदे का उद्देश्य गाजा में बिगड़ते मानवीय संकट को संबोधित करना था, जिसमें सहायता पहुंच की अनुमति देने के लिए हिंसा को रोकने का आह्वान किया गया था. संयुक्त अरब अमीरात ने भी नहीं में मतदान किया, जबकि 10 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया और दो अनुपस्थित रहे.जानकारी के मुताबिक, मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर रूस और चीन ने अमेरिका द्वारा तैयार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो कर दिया है, जबकि रूस अपने प्रस्ताव को पास करने के लिए फेल हो गया. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा पट्टी में इजराइल की बमबारी के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में युद्ध विराम पर एक बार फिर सहमति नहीं बन पाई, बुधवार को हुई बैठक में अमेरिका और रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में दो अलग-अलग प्रस्ताव दिए, लेकिन दोनों खारिज हो गए। अमेरिका ने जहां रूस के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो किया वहीं, चीन और रूस ने अमेरिका के प्रस्ताव को पर अपनी वीटो की शक्ति का उपयोग करते हुए खारिज कर दिया। रूस के युद्धविराम के प्रस्ताव पर दोस्त चीन ने दिया साथ वहीं, गाजा में युद्धविराम का आह्वान करने वाले रूस के प्रस्ताव के पक्ष में चार वोट पड़े, जिनमें रूस और चीन भी शामिल हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जबकि नौ अन्य सदस्य अनुपस्थित रहे। रूसी प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पर्याप्त वोट मिलने की स्थिति में अमेरिका इस पर वीटो कर सकता था।
साथियों बात अगर हम अमेरिका का का प्रस्ताव खारिज होने पर इजरायल की प्रतिक्रिया की करें तो, अमेरिका का प्रस्ताव खारिज होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल ने कहा कि वह अमेरिका और इस परिषद के अन्य सदस्यों को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। यह प्रस्ताव स्पष्ट रूप से क्रूर आतंकवादियों की निंदा करता है और सदस्य देशों को आतंक के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार देता है। यह दर्शाता है कि संयुक्त राष्ट्र के हॉल में फैले सभी झूठों के बावजूद, अभी भी ऐसे लोग हैं जो स्वतंत्रता और सुरक्षा के मूल्यों के लिए खड़े हैं।उन्होंने कहा कि इस्राइल में, हम अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। अगर किसी भी देश में इसी तरह का नरसंहार होता है, तो वो इजराइल की तुलना में कहीं अधिक ताकत के साथ इसका सामना करेगा।
साथियों बात अगर हम जो बाईडेन द्वारा हमास हमले के संभावित कारणों में से एक का खुलासा करने की करें तो, इजरायल और हमास के बीच जंग को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने बड़ा दावा किया है, उन्होंने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में जी-20 समिट के दौरान इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर का ऐलान हुआ था। मुझे विश्वास है कि यह ऐलान हमास द्वारा इजराइल पर आतंकी हमले का एक कारण है,उन्होंने कहा, मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि हमास के हमले के कारणों में से एक यह भी था। मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन मेरी अंतरात्मा मुझसे यही कहती है कि इजरायल के लिए क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में काम की वजह से हमास ने यह हमला किया. हम उस काम को नहीं छोड़ सकते। बता दें 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था, इस हमले में 1400 लोगों की मौत हुई है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों के नागरिक भी शामिल हैं। इस हमले के बाद दूसरी बार बाइडेन ने हमास के हमले के संभावित कारणों में इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर को एक बताया है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पूर्ण युद्ध विराम बनाम मानवीय विराम।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो पावर का खेल- अमेरिका रूस दोनों के प्रस्ताव फेल।गाज़ा – इजरायल में बमबारी-यूएनएससी में अमेरिका रूस दोनों ने वीटो की बाज़ी हारी – शह मात का खेल जारी।

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