Defence: राष्ट्र के सैन्य नायकों को वन रैंक वन पेंशन के रूप में दिये गए उपहार के 10 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाने वाली एक ऐतिहासिक पहल
A historic initiative celebrating 10 years of the gift of One Rank One Pension to the military heroes of the nation
वन रैंक वन पेंशन को आज ही के दिन देश में लागू किया गया था। यह सही मायनों में हमारे भूतपूर्व सैनिकों और पूर्व-सैन्य कर्मियों के साहस एवं बलिदान के सम्मान में दी गई एक श्रद्धांजलि थी, जो अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर करते हैं। वन रैंक वन पेंशन-ओआरओपी को लागू करने का निर्णय लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने और अपने सैनिकों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता प्रकट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
भारत सरकार ने पेंशन भत्तों में लंबे समय से चली आ रही असमानताओं को दूर करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना शुरू की, यह एक ऐसा निर्णय है जो अपने सेवानिवृत्त होने सैन्य कर्मियों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है। सेवानिवृत्त सैनिकों ने वर्षों तक न केवल युद्ध के मैदान में लड़ाई लड़ी थी, बल्कि अपनी सेवा देने के बाद के जीवन में भी समान अधिकार के लिए संघर्ष किया, विशेषकर जब पेंशन में मिलने वाले लाभ की बात आई। केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की शुरुआत के साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए एक साहसिक कदम उठाया कि जिन सैनिकों ने अटूट समर्पण के साथ देश की सेवा की है, उनके साथ उचित व्यवहार किया जाएगा।