Health: उन्नत राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, दिल्ली और एनसीडीसी की एक अस्थायी क्षेत्रीय शाखा राष्ट्र को समर्पित की
Advanced National Center for Disease Control, Delhi and a temporary regional branch of NCDC dedicated to the nation
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज यहां राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में आभासी रूप से असम में एनसीडीसी की क्षेत्रीय शाखा, 6 राज्यों (हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मिजोरम) में राज्य शाखाओं और 2 राज्यों(हिमाचल प्रदेश और झारखंड) में बीएसएल-3 प्रयोगशालाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के भोपाल में एनसीडीसी की एक अस्थायी क्षेत्रीय शाखा का भी उद्घाटन किया। एनसीडीसी की ये नई शाखाएं और बीएसएल-3 प्रयोगशालाएं वन हेल्थ दृष्टिकोण के साथ महामारी की तैयारी और रोग निगरानी से संबंधित देश की क्षमता को मजबूत करेंगी। उन्होंने उन्नत एनसीडीसी, दिल्ली के भाग के रूप में ऑडिटोरियम और लाइब्रेरी ब्लॉक भी राष्ट्र को समर्पित किया और अनेक तकनीकी दस्तावेजों का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में प्रो. एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री; श्री केशव महंत, स्वास्थ्य मंत्री, असम; श्री अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री, हरियाणा और छह राज्यों के संसद सदस्य – श्रीमती अपराजिता सारंगी (ओडिशा ) कार्तिकेय शर्मा ( हरियाणा )श्री डी वी सदानंद गौड़ा (कर्नाटक), श्री सुरेश कुमार कश्यप (हिमाचल प्रदेश), श्रीमती क्वीन ओजा (असम) और डॉ. निशिकांत दुबे (झारखंड) शामिल हुए। इस आयोजन में असम विधान सभा के सदस्य श्री हेमंगा ठाकुरिया भी शामिल हुए।
डॉ. मांडविया ने कार्यक्रम में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एनसीडीसी की ये क्षेत्रीय शाखाएं सीसीएचएफ, केएफडी, स्क्रब टाइफस जैसी क्षेत्रीय विविधताओं वाली बीमारियों से निपटने में मदद करेंगी। इसके अलावा, एनसीडीसी और बीएसएल–3 प्रयोगशाला की राज्य शाखाओं के कार्यात्मक होते ही क्षेत्र/राज्य की विशेष रूप से अत्यधिक जोखिम वाले रोगाणुओं द्वारा फैलने वाली बीमारियों के लिए तैयारी और उनसे निपटने की क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य संबंधी जिन बुनियादी सुविधाओं का आज उद्घाटन या शिलान्यास किया गया है, वे हमारे क्षेत्रीय, जिला और ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को पर्याप्त रूप से बढ़ावा देंगी और भविष्य में आसन्न किसी भी प्रकोप या महामारी के लिए निगरानी, निदान और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों और उनसे निपटने की क्षमता को बढ़ाएगी।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों में निहित महामारी की तैयारी और रोग की निगरानी, जो सभी लोगों, विशेष रूप से सबसे कमजोर लोगों तक पहुंच कायम करती है, किसी भी बीमारी के प्रकोप से बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है”। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनसीडीसी के तहत ये संस्थान स्थानीय आबादी के हित में होंगे। उन्होंने कहा, “भारत सरकार एनसीडीसी को मजबूती प्रदान करने के माध्यम से संक्रामक रोगों की निगरानी और उनके प्रकोप से निपटने की क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
एनसीडीसी के योगदान की सराहना करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा, “कोविड महामारी से निपटने में भारत ने कई अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। एनसीडीसी राज्य और स्थानीय सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर सामुदायिक निगरानी, कांटेक्ट ट्रेसिंग और रोग से निपटने सहित रोकथाम उपाय करने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि एनसीडीसी सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी और रोग से निपटने की क्षमता, बैक्टीरिया, वायरल, जूनोटिक संक्रमण और परजीवी रोगों के लिए नैदानिक क्षमताओं के अलावा रोग के प्रकोप की जांच सहित महामारी विज्ञान संबंधी सहायता के लिए नोडल एजेंसी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “स्वास्थ्य सेवा व्यवसायी और चिकित्सक रक्षा बलों की तरह हैं; वे कभी भी उदासीन नहीं रह सकते। उन्हें हमेशा सतर्क रहना होगा। हमारी स्वास्थ्य सेवा सेना के लिए कोई मंदी की अवधि नहीं हो सकती, हमें समय पर निगरानी और बीमारी का पता लगाने के लिए अपने कौशल को मजबूत और तेज करना होगा।” उन्होंने कहा, “जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री ने अपने पिछले ‘मन की बात‘ में कहा, स्वस्थ राष्ट्र ही समृद्ध राष्ट्र होता है। हमें बीमारियों, विशेषकर जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, जिन्हें गैर–संचारी रोग भी कहा जाता है, से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।