Mumbai: अंतरराज्य वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़
Interstate vehicle theft gang busted
विनय महाजन मुंबई । दिल्ली से लग्जरी गाड़ियां चुराकर बेचने में कथित तौर पर शामिल एक गिरोह के छह लोगों को मीरा-भाईंदर वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय की केंद्रीय अपराध जांच शाखा ने गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया है। प्राथमिक पूछताछ में आरोपियों से दिल्ली में कार चोरी के 8 मामले और मीरारोड पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और जबरन वसूली के 1 मामले का खुलासा किया है। उनके पास से चोरी की 4 टोयोटा फॉर्च्यूनर , 3 टोयोटा इनोवा क्रिस्टा और एक ह्युंडई क्रेटा, कुल मिलाकर 8 लग्जरी गाड़ियां समेत अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन, नकली कार की चाबियां, नकली आरसी बुक बनाने की सामग्री जब्त की गई है। केंद्रीय अपराध इकाई के वरिष्ठ निरीक्षक राहुल राख ने कहा कि मुंबई के एक व्यवसायी द्वारा 6 दिसंबर को कार सौदे में धोखाधड़ी का मामला मीरा रोड पुलिस थाने में दर्ज करने के बाद रैकेट की जांच शुरू हुई। उन्होंने कहा, “हमारी जांच में पाया गया कि दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से कई कारें चुराई गई थीं और धोखाधड़ी से बेची जा रही थीं। हम गूगल ट्रैकिंग सिस्टम और वाहन सत्यापन नंबर (VIN) आदि के माध्यम से कार पंजीकरण, चेसिस नंबर प्राप्त करने के बाद मूल मालिकों को ट्रैक करने में कामयाब रहे। गुजरात के मिलनराजसिंह उर्फ बापू सुरेशकुमार चौहान (३५), राजस्थान के जयपुर के तारिफहुसैन इकबाल खान (३३), अहमदाबाद के इरशाद अकबरभाई अजमेरी (३९), मध्य प्रदेश के उज्जैन के वसीम अल्ताफ पठान (३७) , शाहिद अयूब खान (३४) और मुंबई के धारावी से नंबर प्लेट बनाने वाला नबीजान उर्फ अल्लाबक्श शौकतअली अंसारी (५७), के रूप में आरोपियों की पहचान हुई है।

दरअसल, आरोपियों द्वारा एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता हर्ष महेशभाई दोशी (30) के साथ वित्तीय धोखाधड़ी और ठगी के संबंध में मीरा रोड पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं के तहत 6 दिसंबर 2023 को अपराध दर्ज किया गया था अपराध की जांच केंद्रीय अपराध जांच शाखा, मीरा भाईंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय द्वारा की जा रही थी। अपराध की जांच में प्राप्त वाहन नंबर, चेसिस नंबर, इंजन नंबर की जानकारी प्राप्त करने के बाद जब जांच टीम ने उस वाहन के मालिक से संपर्क किया, तो उसने कहा कि उसका वाहन उसके पास ही है। तब जांच टीम को जब्त किए गए वाहन पर संदेह हुआ। इसलिए उन गाड़ियों को उस कंपनी के शोरूम में भेजा गया और उनके गूगल ट्रैकिंग सिस्टम और वाहन सत्यापन नंबर (VIN) नंबर के जरिए गाड़ी का असली रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर, इंजन नंबर सर्च किया गया। इसके बाद जब असली गाड़ी मालिकों से संपर्क किया गया और गाड़ी के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी दिल्ली से चोरी हो गई है। इस संबंध में दिल्ली के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में चोरी के 8 मामले दर्ज होने की जानकारी जांच टीम को प्राप्त हुई। जांच से पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों और फरार आरोपियों ने यह जानते हुए कि जब्त किए गए वाहन चोरी के हैं, एक-दूसरे से मिलीभगत की और उन्हें खरीदा और उनकी आरसी बुक, चेसिस नंबर, कार बीमा पॉलिसी, चाबियां बनाकर फर्जी तरीके से कुछ वाहन बेच दिए और कुछ वाहन बिक्री के लिए रख लिए। जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों ने अलग-अलग राज्यों में ऐसे अपराध किए हैं। दिल्ली में आठ अलग अलग जगहों से चोरी हुई 2.42 करोड़ रुपये कीमती लग्जरी गाड़ियां मीरा भाईंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय की केंद्रीय अपराध जांच शाखा द्वारा जब्त कर ली गई हैं। मीरा-भाईंदर वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय के पुलिस उपायुक्त (क्राइम) अविनाश अंबुरे के नेतृत्व में केंद्रीय अपराध जांच शाखा द्वारा की गई इस कारवाई से मीरा रोड पुलिस थाने में दर्ज मामले के साथ साथ दिल्ली पुलिस कमिश्नरेट के विभिन्न पुलिस थानो में चोरी के 8 अनसुलझे मामले भी अब लगभग सुलझ चुके है। आगे की कारवाई जारी है