Delhi: पर्पल पेन” द्वारा अष्टम वार्षिक उत्सव ‘जश्न-ए-अल्फ़ाज़’ का भव्य आयोजन

Purple Pen's grand celebration of the eighth annual festival 'Jashn-e-Alfaaz'

साहित्य, कला, पर्यावरण संरक्षण, समाज सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदि के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाओं के लिए देश के कोने-कोने से पधारे तेरह गुणीजन को इस अवसर पर ‘साहित्य साधक सम्मान’ प्रदान किया गया। मंच की ओर से स्थापित वार्षिक ‘साहित्य सेवी सम्मान’ ‘साहित्य गौरव सम्मान’, और पर्पल पेन ‘उदित सितारा सम्मान’ के साथ पर्पल पेन कला भूषण सम्मान, साहित्य संचेतक सम्मान और साहित्य भूषण सम्मान भी प्रदान किये गए। विश्व विख्यात उस्ताद शायर श्री सीमाब सुल्तानपुरी (सचिव, हल्क़ा-ए-तश्नगाने-अदब) ने ‘जश्न-ए-अल्फ़ाज़’ की अध्यक्षता की तथा साहित्यकार श्री अतुल प्रभाकर (संस्थापक मंत्री, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान) इस उत्सव के मुख्य अतिथि रहे। राष्ट्रीय ओज कवि श्री विनय विनम्र और प्राफेसर रहमान मुसव्विर (हिन्दी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया)  विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।
वार्षिक उत्सव का शुभारंभ सरस्वती पूजन से हुआ। पर्पल पेन की संस्थापक-अध्यक्ष वसुधा ‘कनुप्रिया’ ने मंचासीन अतिथिगण का स्वागत अंगवस्त्र, माला, पुष्पगुच्छ और ‘साहित्य भूषण सम्मान’ मोमेंट से किया। अन्य संस्थाओं के पदाधिकारियों  — रामकिशोर उपाध्याय, सुरेश पल वर्मा जसला, ओम प्रकाश प्रजापति, अनिल मीत, ओम प्रकाश शुक्ल, ममता लड़ीवाल, गुरचरण मेहता रजत, जगदीश मीणा, मनोज कामदेव, असलम बेताब, योगेश त्रिपाठी, लतांत प्रसून और कांता रॉय का अंगवस्त्र द्वारा अभिनंदन किया गया।
तत्पश्चात पर्पल पेन की ‘संस्थापक-अध्यक्ष’ वसुधा ‘कनुप्रिया’ ने अपने स्वागत उद्बोधन में समूह की प्रमुख गतिविधियों  और आठ वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्था अब तक लगभग 100 ज़मीनी कार्यक्रम कर चुकी है और पिछले आठ वर्षों में दो सौ के करीब सम्मान वितरित किये जा चुके हैं। जिनके ट्रॉफी/मेमेंटो प्रदान किये गए। समूह द्वारा छह साझा काव्य संग्रह प्रकाशित किये जा चुके हैं जिनमें से तीन नवांकुरों के प्रोत्साहन हेतु निशुल्क प्रकाशित किये गए। पर्पल पेन संस्था गरीब वर्ग को कपडे, कम्बल, बच्चों को खिलोने, भोजन, आदि समय-समय पर बांटता है। साथ ही देश सेवा के संकल्प के अंतर्गत फौजियों को राखियां भेजी जाती हैं, राष्ट्रीय पर्वों पर तिरंगे बैज बांटे जा रहे हैं।  पर्पल पेन द्वारा अष्टम वार्षिक उत्सव के उपलक्ष्य में प्रकाशित स्मारिका ‘साहित्य सेतु’ का लोकार्पण गणमान्य अतिथिगण द्वारा किया गया। कुछ श्रेणियों के सम्मान लोकार्पण के पश्चात प्रदान किये गए।  बहुभाषी काव्य गोष्ठी ‘जश्न-ए-अल्फ़ाज़’ कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रही। इस गोष्ठी में हिन्दी, उर्दू, पंजाबी, अवधी, भोजपुरी, सिरायकी, ब्रज भाषा सहित अंग्रेज़ी कविताओं का श्रेष्ठ रचनापाठ हुआ। अपने कविता पाठ से मंचासीन अतिथिगण ने भी कार्यक्रम को और गरिमा प्रदान की।  मनोज मिश्रा कप्तान, अरविन्द असर, अश्वनी कुमार, वेदांश गोस्वामी, मधुमिता, विनय विक्रम सिंह, योगेश कौशिक, गुरचरण मेहता रजत, राजीव उपाध्याय कामिल, कांता रॉय, भूपेंद्र कुमार, वंदना मोदी गोयल तथा अंजू खरबंदा को पर्पल पेन ‘साहित्य साधक सम्मान’ 2023 प्रदान किया गया।   गीता भाटिया, सुरेन्द्र पाल वैद्य, सुश्री वीना तँवर, रजनी रामदेव, डाॅ. कविता सूद और अश्विनी कुमार को पर्पल पेन पटल पर सक्रिय लेखन के लिए वर्ष 2023 का ‘साहित्य सेवी सम्मान’ प्रदान किया गया। सतत संचालन के लिए सुश्री मीनाक्षी भटनागर को ‘साहित्य संचेतक सम्मान’ तथा शालिनी शर्मा को  पर्पल पेन ‘उदित सितारा सम्मान’ 2023 भी दिए गए।  कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए) श्री सुरेशपाल वर्मा जसाला को ‘कला भूषण सम्मान’ तथा साहित्य की दीर्घकालीन सेवा के लिए वरिष्ठ साहित्यकारों — डाॅ. रंजना अग्रवाल, श्री अनिल वर्मा मीत, श्री रामकिशोर उपाध्याय एवं सुश्री रेखा जोशी को पर्पल पेन ‘साहित्य गौरव सम्मान’ से अलंकृत किया गया।  विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर रहमान मुसव्विर, श्री विनय विनम्र, मुख्य अतिथि श्री अतुल प्रभाकर सहित आयोजन के अध्यक्ष श्री सीमाब सुल्तानपुरी ने पर्पल पेन समूह को अष्टम वार्षिक उत्सव पर बधाई और शुभकामना प्रेषित करते हुए वसुधा ‘कनुप्रिया’ के प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की। सभी ने एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ कर आयोजन को ऊंचाई तक पहुंचाया।   कार्यक्रम का कुशल सञ्चालन सुश्री ममता लड़ीवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए पर्पल पेन संस्था की संस्थापक-अध्यक्ष वसुधा कनुप्रिया ने आशा जताई कि भविष्य में भी समूह साहित्य, समाज और देश सेवा के कार्य में जुटा रहेगा। सभी अतिथिगण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई की आने वाले समय में भी इन सही का साथ बना रहेगा।

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