Editorial: भारत-अमेरिका की यारी, दुनियां पर भारी
India-America friendship outweighs the world
वैश्विक स्तरपर भारत और अमेरिका की यारी से दुनियां बहुत भौचकी होकर कह रही है, जहां दो यार मिल जाए वही सफलताओं की बरसात निश्चित है, और हो भी क्यों ना, क्योंकि आसमान से धरती तक और सुई से हवाई जहाज तक हर क्षेत्र की प्रौद्योगिकी में भारत औरअमेरिका एक दूसरे का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से साथ दे रहा है जो दोनों देशों के समकक्ष उच्च नेतृत्व की उच्च प्रगाढ़यता का परिणाम है जो एक और एक ग्यारह वाले मुहावरे का संजीदिगी से काम कर रहे हैं। दोनों देशों का साथ-साथ और तालमेल इसी बात पर इसी तरह बना रहा तो सफलताओं की बुलंदियां दोनों देशों के कदमों में होगी। परंतु बहुत हद तक दोनों देशों में होने वाले 2024 के आम चुनाव के बाद नेतृत्व पर भी कुछ निर्भर करता है, चूंकि भारतीय वाणिज्य मंत्री 13-16 नवंबर 2023 को अपने अमेरिका यात्रा के सफल परिणाम लाए हैं, इसीलिए आज हम मीडिया पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे भारत अमेरिका के गतिशील स्टार्टअप तंत्र और उभरती प्रौद्योगिकियों को जोड़ने आशय पत्र पर हस्ताक्षर से दूरगामी बुलंद परिणाम निश्चित है।
साथियों बात अगर हम भारतीय वाणिज्य मंत्री के 13-16 नवंबर 2023 के अमेरिका दौरे की करें तो,सोमवार को वह सैनफ्रांसिस्को पहुंचे, जहां वह एशिया पैसिफिक इकॉनोमिक कॉपरेशन (एपीईसी) की बैठक में हिस्सा लिया। सैन फ्रांसिस्को में अमेरिका की कॉमर्स सेक्रेटरी (वाणिज्य मंत्री) जीना रेमंडो से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं की बैठक में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारबाधाओं को पहचानने, उन्हें दूर करने, निवेश बढ़ाने और तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्र में सहयोगबढ़ाने पर बात हुई। दोनों नेताओं की बैठक में स्टार्टअप सिस्टम को बढ़ावा देने और इमर्जिंग तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी बात हुई। वाणिज्य मंत्री विभिन्न कंपनियों के सीईओ से भी मुलाकात की। साथ ही वह छात्रों, भारतीय मूल के लोगों और एंटरप्रेन्योर से भी मिले।सिलिकॉन वैली और अमेरिकी कंपनियों को भारतमें इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी और फिनटेक आदि के क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। इससे पहले उन्होंने सिंगापुर के वाणिज्य मंत्री से भी मुलाकात की। क्या है आईपीईएफ?बता दें कि भारतीय वाणिज्य मंत्री इंडो पैसिफिक इकॉनोमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोसपेरिटी (आईपीईएफ) की बैठक में शामिल होने अमेरिका गए थे। आईपीईएफ का गठन अमेरिका ने साल 2022 में किया था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। आईपीईएफ का गठन सदस्य देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने, विकास को गति देने और हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के उद्देश्य से हुआ था। आईपीईएफ में व्यापार, सप्लाई चेन, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था पर फोकस किया जाता है।
साथियों बात हम डिकोडिंग द इनोवेशन हैंड शेक की करें तो, भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद संरचना के तहत एक नवोन्मेषी समझौते के माध्यम से इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत और अमेरिका के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 14 नवंबर 2023 को सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए। जून 2023 में प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक आधिकारिक राजकीय यात्रा के दौरान नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में इनोवेशन हैंडशेक स्थापित करने की घोषणा की गई थी।डिकोडिंग द इनोवेशन हैंडशेक : अमेरिका–भारत उद्यमिता साझेदारी विषय पर सैन फ्रांसिस्को में आयोजित किक-ऑफ इंडस्ट्री राउंडटेबल में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षार किए गए। यू.एस.-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सह-आयोजित और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) और स्टार्टअप इंडिया द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम में प्रमुख आईसीटी कंपनियों के सीईओ, उद्यम पूंजी फर्मों के अधिकारियों और महत्वपूर्ण तथा उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के संस्थापकों ने इस विषय पर विचार-विमर्श किया कि अमेरिका-भारत प्रौद्योगिकी सहयोग को कैसे आगे बढ़ाया जाए। भारत और अमरीका ने गतिशील स्टार्ट-अप तंत्र और विशेष रूप से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों को जोड़ने के आशय-पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। नवाचार-तंत्र को आपसी सहयोग के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए अमरीका की चार दिनों की यात्रा पर गए भारत के वाणिज्य मंत्री ने आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर दोनों पक्षों के गतिशील स्टार्टअप इकोसिस्टम को कनेक्ट करने, सहयोग के लिए विशिष्ट नियामक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप वित्त पोषण के लिए जानकारी और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने तथा विशेष रूप से, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (सीईटी) में नवोन्मेषण और रोजगार वृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है, जैसीकि महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के लिए भारत-अमेरिका पहल (आईसीईटी) के तहत पहचान की गई है।यह समझौता ज्ञापन गहन तकनीकी सेक्टरों में स्टार्टअप इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (सीईटी) में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त प्रतिबद्धता का संकेत है। यह आर्थिक कार्यकलापों पर सकारात्मक प्रभाव डालने, निवेश आकर्षित करने और विशेष रूप से सीईटी क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप में रोजगार सृजित करने के लिए तैयार है। सहयोग के दायरे में हैकाथॉन और ओपन इनोवेशन कार्यक्रम,सूचना साझाकरण और अन्य गतिविधियों सहित भारत अमेरिका इनोवेशन हैंडशेक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल रहेंगी। इस घोषणा ने 2024 की शुरुआत में भारत और अमेरिका में आयोजित होने वाले भविष्य के दो इनोवेशन हैंडशेक कार्यक्रमों के लिए आधार तैयार किया, जिसमें अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियां की मदद करने के उद्देश्य से एक निवेश मंच भी शामिल है, जिससे कि वे अपने नवोन्मेषी विचारों और उत्पादों को बाजार और सिलिकॉन वैली में एक हैकथॉन में ले जा सकें, जहां अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियां वैश्विकआर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए विचारों और प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत करेंगी।यह ऐतिहासिक कदम नवोन्मेषों को बढ़ावा देने, अवसर सृजित करने और उभरती प्रौद्योगिकियों के गतिशील क्षेत्र में पारस्परिक विकास को बढ़ावा देने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इनोवेशन हैंडशेक अमेरिका और भारत के बीच सहयोग के एक नए युग की आधारशिला रखता हैवाणिज्यिक संवाद (सीडी) आर्थिक क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में व्यापार को सुविधाजनक बनाने और निवेश के अवसरों को अधिकतम करने के उद्देश्य से निजी सेक्टर की कंपनियों के साथ बैठकों के संयोजन में दोनों सरकारों के बीच आयोजित की जाने वालीनियमित बैठकों को शामिल करते हुए व्यापारिक समुदायों के बीच संबंधों को गहरा बनाने हेतु नियमित चर्चा करने की सुविधा प्रदान करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच मंत्री स्तर पर एक सहकारी उपक्रम है। 5वें भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद का आयोजन 10 मार्च 2023 को वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो की 8-10 मार्च के बीच की गई यात्रा के दौरान किया गया था। इस बैठक में आपूर्ति श्रृंखला गतिशीलता, जलवायु एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकी सहयोग, समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और विशेष रूप से एसएमई और स्टार्टअप के लिए महामारी के बाद आर्थिक सुधार को सुगम बनाने पर कार्यनीतिक फोकस के साथ वाणिज्यिक संवाद फिर से शुरू किया गया। इसमें वाणिज्यिक संवाद के तहत प्रतिभा, नवोन्मेषण और समावेशी विकास(टीआईआईजी) पर एक नए कार्य समूह को शुरू किया जाना शामिल है। नोट किया गया कि यह कार्य समूह आईसीईटी के लक्ष्यों, विशेष रूप से सहयोग के लिए विशिष्ट नियामक बाधाओं की पहचान करने और संयुक्त गतिविधियों के लिए विशिष्ट विचारों के माध्यम से स्टार्ट-अप पर ध्यान देने के साथ हमारे नवोन्मेषण इकोसिस्टम के बीच अधिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में स्टार्टअप्स के प्रयासों में भी सहायता प्रदान करेगा।
साथियों बात कर हम वाणिज्य मंत्री द्वारा नए एक्स ट्विटर पर एक पोस्ट की करें तो, भारत और अमरीका ने गतिशील स्टार्ट-अप तंत्र और विशेष रूप से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों को जोड़ने के आशय-पत्र परहस्ताक्षर किये हैं। नवाचार-तंत्र को आपसी सहयोग के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए अमरीका की चार दिनों की यात्रा पर गए भारत के वाणिज्य मंत्री ने आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये।केंद्रीय मंत्री ने नये एक्स ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा कि आशय पत्र से सकारात्मक रूप से आर्थिक गतिविधि, निवेश आकर्षित करना और रोजगार का सृजन संभव हो सकेगा। उन्होंने अमरीकी मंत्री के साथ आईपीएचई-समृद्धि के लिये भारत प्रशांत आर्थिक ढाँचा मंत्री स्तरीय द्विपक्षीय बैठक से अलग भारत-अमरीका के बीच बढ़ रहे वाणिज्यिक सहयोग और व्यापार संबंधित कार्य पर चर्चा की गई।वर्तमान यात्रा के दौरान भारत और अमरीका ने मिलकर तथा अन्य समृद्धि के लिये भारत प्रशांत आर्थिक ढाँचे से संबंधित 12 भागीदारों ने आईपीएचई आपूर्ति श्रृंखला के लचीले समझौते पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने कहा इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला मजबूत और सशक्त बनेगी। भारत और अमरीका आपूर्ति श्रृंखला से संबंधित आईपीईएफ की लचीली भागीदारी में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यू न्यूजीलैड्स, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम समेत 14 देश शामिल हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि डिकोडिंग द इनोवेशन हैंडशेक- भारत अमेरिका उद्यमिता साझेदारी।इनोवेशन हैंडशेक भारत और अमेरिका के बीच सहयोग के नए युगों की आधारशिला रखता है।भारत अमेरिका के गतिशील स्टार्टअप तंत्र और उभरती प्रौद्योगिकियों को जोड़ने आशय पत्र पर हस्ताक्षर से दूरगामी बुलंद परिणाम निश्चित हैं।