Delhi: लाल डोरा का दायरा बढ़ाने समेत गांव देहात के सभी मुद्दों पर दिल्ली सरकार उचित कार्रवाई कर रही है- कैलाश गहलोत

Delhi government is taking appropriate action on all the issues of rural areas including increasing the scope of Lal Dora - Kailash Gehlot

पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। डेलीगेशन में बवाना 52 वी खाप के प्रधान चौधरी धारा सिंह, चौधरी नरेश और त्रिभुवन सिंह भी मौजूद रहे। डेलीगेशन के सदस्यों ने सीएम से ग्रामीण इलाकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। जिसमें मुख्य रूप से लाल डोरा बढ़ाना, धारा 74(4) के तहत भूमिहीन लोगों को मिली जमीन पर मालिकाना हक दिलाना, डीएलआर एक्ट धारा 81 और 33 को हटाना, हाउस टैक्स समाप्त करना शामिल है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रतिनिधि मंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनका परीक्षण कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, ताकि इन समस्याओं से प्रभावित लोगों को राहत मिल सके। बैठक के दौरान सीएम ने प्रतिनिधि मंडल को बताया कि सेक्शन 74(4), 81, 33 और लाल डोरा बढ़ाने और म्यूटेशन को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा पहले ही उचित कार्रवाई कर दी गई है। इस बैठक में शहरीकृत किए गए गांवों में बंद अभिलेखों के म्यूटेशन को लेकर भी चर्चा हुई।  कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली सरकार ने जुलाई 2017 में दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सेक्शन 74(4) को लेकर संकल्प पत्र पारित कराया था। यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था, जब किसी राज्य ने सेक्शन 74(4) को लेकर को लेकर विशेष बुलाया और उसके लिए संकल्प पत्र पारित किया। सेक्शन 74(4) के तहत दिल्ली के भूमिहीन लोगों को भूमि दी गई थी। उनको मालिकाना हक मिले, इसके लिए यह संकल्प पत्र पारित किया गया था। यह संकल्प पत्र एलजी के पास पहले ही भेजा जा चुका है। इसके अलावा, लाल डोरा का दायरा बढ़ाने समेत गांव देहात के सभी मुद्दों पर दिल्ली सरकार उचित कार्रवाई कर रही है।
इस दौरान पालम 360 खाप के प्रधान ने सीएम अरविंद केजरीवाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन के जरिए प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि दिल्ली के सभी गांवों में हाउस टैक्स पूरी तरह से माफ किया जाए। दिल्ली में शहरीकृत किए गए गांवों में अभिलेखों का म्यूटेशन बंद है, जिसे पुनः बहाल किया जाए। प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि डीएलआर एक्ट की धारा 81 और 33 के तहत कार्रवाई को समाप्त किया जाए और सरकार की ओर से ग्रामीणों पर धारा-81 में दर्ज मामले वापस लिए जाएं। धारा 74(4) के तहत गांवों भूमिहीनों को आवंटित ग्राम सभा की रिहायशी व कृषि भूमि पर उन्हें मालिकाना हक दिया जाए और सभी गांवों में लाल डोरे का जल्द से जल्द विस्तार किए जाने की मांग की गई है।  उल्लेखनीय है कि 1970 से 80 के दशक में दिल्ली के कई गांवों में हजारों परिवारों को ग्रामसभा की जमीन आवंटित की गई थी। उस दौरान दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम (1954) की धारा 74(4) के तहत मान्यता दी गई थी। ग्रामीण आवंटित जमीन पर कृषि कार्य कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनको मालिकाना हक नहीं मिला है। जबकि ये काम काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। इस संबंध में दिल्ली विधानसभा में जुलाई 2017 में एक संकल्प पत्र पारित किया गया, जिससे कि ग्रामीणों को उस आवंटित भूमि पर मालिकाना हक मिल सके। इस संकल्प पत्र को तभी एलजी के पास भेज दिया गया था।

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