Crime: बुर्का पहन पुलिस को चकमा देने में नाकाम अतीक का करीबी धरा गया
Atiq's close friend, who failed to dodge the police by wearing a burqa, was caught
अजय कुमार,लखनऊ मुस्लिम औरतों का पहनावा बुर्का अपराधियो को भी खूब रास आता है.अक्सर बुर्का पहनकर पुलिस को चकमा देने के काम आने वाला बुर्का उन लोगों के लिये विमर्श का विषय बन गया है जो बुर्के को इस्लाम से जोड़ते हैं.इसको लेकर चिंता भी जताई जाती है. बुर्का पहनकर अपराधी ुलिस को कैसे चकमा देता है इसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के बमरौली के एक गेस्ट हाउस में देखने को मिला। यहां ब्लॉक प्रमुख कौड़िहार मो. मुज्जफर बुर्का पहनकर भागते हुए पकड़ा गया। मो. मुजफ्फर को एक बुर्काधारी महिला के भेष में देखकर विवाह समारोह में आए लोग हैरान रह गए। लेकिन पुलिस वालों के चेहरों पर हंसी थी। मुजफ्फर माफिया अतीक अहमद का बेहद करीबी है और कुख्यात गौ तस्कर है। वह वर्तमान में कौड़ियार ब्लॉक का ब्लॉक प्रमुख भी है। हुआ यूंकि प्रयागराज की सोरांव और पुरामुफ़्ती पुलिस, और एसओजी टीम को सूचना मिली कि ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद मुजफ्फर बमरौली स्थित एक गेस्ट हाउस में शादी समारोह में शामिल होने आया है। पुलिस ने गेस्ट हाउस में मुजफ्फर को गिरफ्तार करने के लिए घेराबंदी की तो वह अचानक से गायब हो गया। पुलिस ने घेरा बंदी जारी रखी। तभी एक बुर्काधारी महिला पर संदेह होने पर महिला पुलिस ने उसको पकड़ने की कोशिश की तो उसके साथ साजिशन झुंड बनाकर चल रही महिलाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया,लेकिन पुलिस दबाव में नहीं आई।दरअसल,बुर्काधारी महिला का भेष धरकर मो. मुजफ्फर भागने की कोशिश कर रहा था।
यह घटना बमरौली स्थित एक गेस्ट हाउस में रविवार रात की बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर मो. मुजफ्फर की बुर्का वाली फोटो भी वायरल हो गई है। देर रात बमरौली पुलिस चौकी पर मो. मुजफ्फर के समर्थन में महिलाओं ने विरोध भी किया। पेच यही है कि अभी तक किसी पुलिस अधिकारी ने मो मुजफ्फर की गिरफ्तारी और बुर्का पहनकर भागने की कोशिश वाली घटना की पुष्टि नहीं की है। लेकिन मो. मुजफ्फर की पत्नी शाहिब बेगम ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर जान बचाने की गुहार लगाई है।
मो. मुज्जफर की हनक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने योगी सरकार की कानून-व्यवस्था को धता बताकर जेल के अंदर से ब्लॉक प्रमुख कौड़िहार का चुनाव जीत लिया था। इतना ही नहीं अतीक अहमद का बेहद करीबी फाइनेंशियली मददगार, दर्जनों संगीन अपराध में निरुद्ध मुजफ्फर की जमानत भी हो गई। इसके बाद उसने 3 जून को ब्लॉक प्रमुख पद की शपथ भी ले ली। हालांकि प्रयागराज पुलिस ने उसका पीछा नहीं छोड़ा क्योंकि मो. मुजफ्फर की जमानत होने के बाद उस पर एक करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप सामने आया है। पीड़ित किसान ने पुरामुफ्ती थाने में मुकदमा लिखवाया है। सोरांव थाने में भी उसके विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। इसी कारण पुलिस मो. मुजफ्फर को लगातार तलाश रही थी।
हिस्ट्रीशीटर मो. मुजफ्फर ने गो तस्करी करके करोड़ों की संपत्ति बनाई थी। मुज्जफर ने धीरे-धीरे कर गोतस्करों का बहुत बड़ा सिंडिकेट तैयार कर लिया। उसका गोतस्करी का धंधा प्रयागराज कौशांबी ही नहीं आसपास के कई जिलों में भी चल रहा मोहम्मद मुजफ्फर पर उत्तर प्रदेश के जनपदों के अलग.अलग थानों में करीब 31 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें अधिकांश गौ हत्याए, पशु क्रूरता,हत्याए जानलेवा हमला, गुंडा एक्ट एवं गैंगेस्टर, भूमि अतिक्रमण आदि संगीन अपराध हैं।