Health: डॉ. भारती प्रविण पवार ने “प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में एनसीडी के एकीकरण में वृद्धि करना” विषय पर उच्च स्तरीय पैनल चर्चा में प्रमुख भाषण दिया

Dr. Bharati Pravin Pawar delivers keynote address at high-level panel discussion on Enhancing integration of NCDs in primary health care

भारत दृढ़ता से एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता पर बल देता है जिसमें हमारे नागरिकों की भलाई पर गैर – संचारी रोगों (एनसीडी) के प्रसार और प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से निवारक उपाय, प्रारंभिक चर्चा और कुशल प्रबंधन शामिल है।” यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने आज नई दिल्ली में विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2023 में “प्राथमिक स्वस्थ्य देखभाल में गैर-संचारी रोगों के एकीकरण में वृद्धि करने” विषय पर उच्च स्तरीय पैनल चर्चा में वर्चुअल माध्यम से अपने संबोधन के दौरान कही। भारत में विश्व स्वस्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच ऑफ्रिन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस वर्ष के विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन का विषय “वैश्विक स्वास्थ्य कार्रवाई के लिए एक निर्णायक वर्ष” है। डॉ. भारती प्रविण पवार ने गैर-संचारी रोगों को कम करने में भारत के प्रयासों के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा, “भारत ने 75/25 पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 तक उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित 75 मिलियन व्यक्तियों की जांच करना और मानक स्वस्थ्य देखभाल प्रदान करना है। यह सबसे व्यापक पहल है। वैश्विक स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में गैर-संचारी रोगों का विस्तार”। उन्होंने कहा, “भारत के जीवन प्रत्याशा, मातृ मृत्यु दर और गैर संचारी रोगों जैसे सामाजिक संकेतकों में सुधार के लिए स्पष्ट प्रयास इस लक्ष्य की दिशा में स्पष्ट हैं। वर्ष 2023-2024 के लिए केंद्रीय बजट का परिणाम बजट दस्तावेज़ पहली बार आउटपुट संकेतक के रूप में उच्च रक्तचाप और मधुमेह उपचार को शामिल करने के लिए उल्लेखनीय है। यह समावेशन उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए सम्मिलित सेवाओं को बढ़ाने के लिए सरकार के समर्पण को रेखांकित करता है और इन स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर बल देता है।”केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि गैर- चारी रोग एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गई है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण (एनपी-एनसीडी) के लिए वर्ष 2010 में राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया था। इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य संवर्धन, शीघ्र निदान, प्रबंधन और रेफरल को मजबूत करना था। आयुष्मान भारत पहल सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने और सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा (यूएचसी) प्रदान करने के लिए नीतिगत इरादे को बजटीय प्रतिबद्धता में बदल रही है, जो ‘किसी को भी पीछे न छोड़ने’ की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

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