Game: भारी टैक्स के बोझ तले टूटेगी देश में स्टार्टअप इंडस्ट्री के सबसे तेज़ी से बढ़ते सेक्टर ऑनलाइन गेमिंग की कमर-वित्त मंत्री आतिशी
The fastest growing sector of the startup industry in the country, online gaming, will break under the burden of heavy taxes - Finance Minister Atishi.
देश में तेज़ी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को भारी टैक्स के बोझ के तले दबने से बचाने के लिए वित्त मंत्री आतिशी आज 52वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को दिए गये 1.5 लाख करोड़ के टैक्स नोटिस को वापस लेने की माँग उठायेंगी। वित्त मंत्री आतिशी ने शनिवार सुबह डिजिटल प्रेस कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से ये बात साझा कि। उन्होंने कहा कि, भारी टैक्स के बोझ तले देश में स्टार्टअप इंडस्ट्री के सबसे तेज़ी से बढ़ते सेक्टर ऑनलाइन गेमिंग की कमर टूट जाएगी। नए जीएसटी दर के साथ-साथ भारी टैक्स के नोटिस से न केवल ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ेगा बल्कि निवेशक भी भारतीय स्टार्ट-अप्स में निवेश करने से कतरायेंगे और पूरे स्टार्ट-अप्स इको-सिस्टम पर इसकी मार पड़ेगी। एक तरफ केंद्र सरकार स्टार्ट-अप्स को प्रमोट करने की बात करती है और दूसरी ओर स्टार्ट-अप्स से निकली ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को टैक्स के बोझ के तले दबाना चाह रही है। उन्होंने कहा कि,ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की वर्तमान में कुल वैल्यूएशन 23,000 करोड़ रुपये है। उसके आड़ केंद्र द्वारा उसपर 1.5 लाख करोड़ का टैक्स थोपना यानी इंडस्ट्री को तबाह करने जैसा है। ये अस्थिर टैक्स परिस्थितियाँ न केवल ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री बल्कि पूरे स्टार्टअप्स व एंत्रप्रेन्योरशिप इंडस्ट्री को बुरी तरह से प्रभावित करेगा, तेज़ी से बढ़ती कंपनियाँ बंद होने की कगार पर पहुँच जाएगी। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के बर्बाद होने का मतलब है इनमें काम करने वाले 50,000 से ज़्यादा युवा प्रोग्रामर्स,वेब डेवलपर्स का बेरोज़गार हो जाना। ऐसे में इन कंपनियों को बंद होते देख युवा स्टार्टअप्स में जाने से कतरायेगा और नौकरियों की तरफ़ जाएगा। फिर कैसे देश से बेरोज़गारी की महामारी दूर होगी। इसलिए वित्त मंत्री आतिशी आज जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की बचाने के लिए ऐसे टैक्स नोटिस जो इस इंडस्ट्री को ख़त्म कर देंगे उन्हें वापिस लेने की माँग करेंगी।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, भारत की आर्थिक तरक़्क़ी में स्टार्टअप्स ने, एंत्रप्रेन्योर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्होंने अर्थव्यवस्था को तो मज़बूती दी ही है साथ ही बड़ी संख्या में नौकरियाँ भी दी है। लेकिन ये बेहद दुखद है कि एक ओर तो देश में स्टार्टअप्स को बढ़ाने, एंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ाने की बात हो रही है, ‘स्टार्ट अप इंडिया’ जैसे नीतियों की बात करते है तो वही दूसरी तरफ़ जीएसटी काउंसिल कई ऐसे निर्णय ले रही है जो हमारे देश के स्टार्टअप्स इंडस्ट्री के सबसे तेज़ी से उभरते सेक्टर को ख़त्म करने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि, आज देश में ऑनलाइन गेमिंग, स्टार्टअप सेक्टर में सबसे बड़ा और तेज़ी से बढ़ता सेक्टर है। इस सेक्टर में आज 50,000 से ज़्यादा लोग काम कर रहे है। इस इंडस्ट्री में विदेशी निवेशकों ने 17,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा निवेश किए है। पूरे देश में 40 करोड़ से ज़्यादा लोग ऑनलाइन मनोरंजन के लिए गेमिंग प्लेटफ़ार्म्स पर लुडो, शतरंज, कैरम जैसे छोटे-छोटे गेम्स खेलते है। और इस सेक्टर को भारतीय स्टार्टअप सेक्टर का ‘सनराइज सेक्टर’ माना जाता है।