116 वें जन्मदिन पर शहीद भगतसिंह (Bhagat Singh) को दी श्रद्धांजलि

Tribute paid to Shaheed Bhagat Singh on his 116th birthday

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में अमर शहीद भगत सिंह के 116 वें जन्मदिन पर ऑनलाईन स्मृति दिवस का आयोजन किया गया।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि शहीद भगत सिंह का बलिदान युवाओं के लिए प्रकाश पुंज का कार्य करता रहेगा,उनके बलिदान ने देश की आजादी की लडा़ई में लोगों में नई ऊर्जा का संचार किया था।उनका जन्म 28 सितम्बर 1907 को पाकिस्तान के ग्राम बंगा जिला लायलपुर में हुआ था।उनका नाम ही युवाओं के लिये आदर्श बन गया।अब लोगों को लगने लगा कि आजादी शांति पूर्वक धरनों से नहीं आएगी सशस्त्र संघर्ष करना ही होगा। 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के बाल मन पर गहरा प्रभाव डाला।भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसम्बर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अधिकारी जे० पी० सांडर्स को मारा था।इस कार्यवाही में क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद ने उनकी पूरी सहायता की थी।क्रान्तिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने वर्तमान नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेण्ट्रल एसेम्बली के सभागार संसद भवन में 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे।बम फेंकने के बाद वहीं पर दोनों ने अपनी गिरफ्तारी भी दी।
आर्य नेता प्रवीण आर्य ने कहा कि भगत सिंह का परिवार आर्य समाज की विचारधारा से जुड़ा हुआ था और महर्षि दयानन्द से प्रेरणा लेकर देश की आजादी की लड़ाई में कूद पड़ा।उन्होंने देशभक्ति गीत सुनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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