Crime: 50 हजार के इनामी गैंगस्टर दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू को करधनी क्षेत्र में पकड़ा

Gangster Digvijay Singh alias Bittu, carrying a reward of Rs 50,000, was caught in Kardhani area.

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध श्री दिनेश एमएन के नेतृत्व में गठित की गई एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) द्वारा पहली
बड़ी कार्रवाई की गई है। करीब 5 साल से फरार चल रहे कोटा शहर के थाना भीमगंज मंडी हाल देहरादून उत्तराखंड निवासी 50 हजार के इनामी गैंगस्टर दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू पुत्र प्रभंजन सिंह को जयपुर के करधनी थाना क्षेत्र में नांगल जैसा बोहरा इलाके से पकड़ा गया है। एडिशनल डीजीपी क्राइम एंड एजीटीएफ श्री दिनेश एमएन ने बताया कि गैंगस्टर दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू चित्तौड़गढ़ जिले के थाना बेंगू में वर्ष 2009 हुए दोहरे हत्याकांड में 5 साल से फरार चल रहा था। इसकी गिरफ्तारी पर आईजी उदयपुर रेंज द्वारा 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है।एजीटीएफ एडीजी श्री एमएन ने बताया कि टीम को आरोपी के जयपुर में होने की सूचना मिलने पर आईजी क्राइम प्रफुल्ल कुमार व एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश के सुपरविजन तथा एएसआई बनवारी लाल शर्मा के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल मदन लाल शर्मा, अरुण कुमार, कुलदीप सिंह, इंद्र सिंह, अशोक सिंह व सुनील कुमार की टीम गठित की गई। गठित टीम द्वारा प्राप्त सूचना को पूर्ण विकसित कर पुख्ता की गई।

 

गुरुवार को थाना करधनी इलाके के नांगल जैसा बोहरा क्षेत्र में टीम ने दबिश देकर आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी को कोटा शहर में कोर्ट में पेश किये जाने पर कोटा एजीटीएफ टीम को सोपा गया। बीवी-बच्चों ने छोड़ा साथ गैंगस्टर दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू के विरुद्ध पूर्व में 15 अपराधिक प्रकरण दर्ज है। इसके अपराधिक प्रवृत्ति के कारण इसकी पत्नी और बच्चों ने साथ छोड़ दिया और अलग रहने लग गए।यह है मामला गैंगस्टर शिवराज सिंह का भाई बृजराज सिंह वर्ष 2008 में हुए गैंगस्टर लाला बैरागी की हत्या का मुख्य गवाह था, जिसकी भानुप्रताप और उसके साथियों ने हत्या की थी। तब से भानु प्रताप गैंग ब्रजराज सिंह की हत्या की फिराक में थी। 13 मई 2009 को कोटा चित्तौड़गढ़ के बीच बृजराज सिंह व उसके साथी जितेंद्र पर अंधाधुन्ध फायरिंग की गई, जिसमें दोनों की मौत मौके पर हो गई थी। मामले में चित्तौड़गढ़ कोर्ट ने एक महिला सहित पांच व्यक्तियो को दोषी ठहरा उन्हें अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि दो आरोपी की मौत हो गई थी। इस मामले में आरोपित बिट्टू उर्फ दिग्विजय सिंह फरार हो गया। बाद में गवाहों और फरियादी को जान का खतरा होने से राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर इसकी सुनवाई कोटा में ट्रांसफर की गई। गैंगस्टर को पकड़ने में एजीटीएफ टीम के एएसआई बनवारी लाल, हेड कांस्टेबल मदन लाल शर्मा, कांस्टेबल अरुण कुमार, कुलदीप सिंह, इंद्र सिंह, अशोक सिंह व सुनील कुमार एवं आयुक्तालय जयपुर के हेड कांस्टेबल अजेंद्र सिंह व अमित की विशेष भूमिका रही।

 

 

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