इस मंदिर में दो हजार सालों से जल रही मां की अखंड ज्योति
इस मंदिर में दो हजार सालों से जल रही मां की अखंड ज्योति
आगर मालवा जिले के ग्राम बीजानगरी में स्थित हरसिद्धी मंदिर लोगों की आस्था का केन्द्र है. कहा जाता है कि यहां लगभग 2000 वर्षो से अखंड ज्योत प्रज्वलित है और हवा चलने पर भी मंदिर के अंदर की ज्योत नहीं बुझती. इस मंदिर को मध्यप्रदेश पुरातत्व विभाग ने अपने अधिन किया हुआ है यहां के रखरखाव की जिम्मेदारी विभाग की है. कहा जाता है कि उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के भानजे विजयसिंह ने इस मंदिर की स्थापना की थी।
मंदिर के बारे में मान्यता है कि उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के शासनकाल में उनके भानजे विजयसिंह का यहां पर शासन था. राजा विजय सिंह उज्जैन में स्थित मां हरसिद्धी के बहुत बड़े भक्त थे और वे रोज स्नान के बाद उज्जैन स्थित मां हरसिद्धी के दर्शन के लिए जाते थे और उसके बाद ही वो खाना खाते थे. एक दिन मां हरसिद्धि ने राजा को सपने में दर्शन दिए और राजा से बीजानगरी में ही मंदिर बनवाने को कहा. उस मंदिर का दरवाजा पूर्व दिशा में रखने को कहा गया. राजा ने वैसा ही किया. उसके बाद माता ने राजा का सपने में आकर कहा कि वो मंदिर में विराजमान हो गई हैं. साथ ही राजा से कहा तुमने मंदिर का दरवाजा पूर्व में रखा था पर अब जाकर देखो वह पश्चिम में हो गया है. राजा ने देखा तो वाकई में द्वार पश्चिम में हो गया था.
मंदिर के बारे में कहा जाता है वहां कई प्रकार के चमत्कार होते रहते हैं. मंदिर में मां के होने का बार-बार अहसास होता है. कुछ दिनों पहले इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन करने खुद प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह भी पंहुचे थे।